वाहन दुर्घटना में घायल की मौत, परिजनों ने दर्ज कराई प्राथमिकी, दुकानदार का भी आवेदन शामिल
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: मवेशी लदे एक पिकअप वाहन की चपेट में आने से बड़ा बाजार ग्वालटोली निवासी काली चरण यादव की मृत्यु हो गई. इस दर्दनाक हादसे में चार अन्य लोग घायल हो गए, जिनमें से एक का इलाज रांची के अस्पताल में चल रहा हैं. इस घटना ने स्थानीय लोगों और मृतक के परिजनों में गहरी नाराजगी और आक्रोश पैदा कर दिया हैं. मृतक काली चरण यादव के परिजनों ने इस घटना के बाद मवेशी तस्करों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई. उन्होंने अस्पताल में इलाज में लापरवाही का भी आरोप लगाया. प्राथमिकी में घायल हुए अन्य लोग और एक दुकानदार का आवेदन भी जोड़ा गया हैं.
परिजनों का कहना है कि काली चरण यादव को शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन इलाज में लापरवाही के कारण उनकी मृत्यु हो गई. इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें रेफर कर दिया, जिससे परिजनों में और अधिक आक्रोश पैदा हो गया. शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल हज़ारीबाग अपने आउटसोर्स कंपनी के कारण पहले से ही विवादों में हैं. काली चरण यादव की मृत्यु 4:38 बजे हुई थी, लेकिन डॉक्टर ने 6:30 बजे के बाद उन्हें रेफर टू रिम्स किया. इस घटना ने अस्पताल की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर हंगामा किया, जो देर रात तक जारी रहा.
थाना प्रभारी बिट्टू रजक के अनुसार, पिकअप वाहन पर मवेशियों को तिरपाल से ढककर गोला चितरपुर की ओर से लाया जा रहा था. हादसे में वाहन का चालक भी गंभीर रूप से घायल हो गया और वह कुछ बताने की स्थिति में नहीं था. थाना प्रभारी ने मवेशियों को स्थानीय लोगों के जिम्मे सौंप दिया हैं. यह चर्चा का विषय बन गया कि थाना प्रभारी को मवेशी मालिक की इतनी चिंता क्यों है और जब चालक बोलने की स्थिति में नहीं था, तो प्रभारी को इस बात की जानकारी कैसे मिली. यदि जानकारी हो गई है, तो फिर आरोपी की गिरफ्तारी क्यों नहीं की जा रही हैं. घटना के बाद से स्थानीय लोग और मृतक के परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं. वह प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि मवेशी तस्करों और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. लोगों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों.
इस घटना ने न केवल काली चरण यादव के परिवार को बल्कि पूरे समुदाय को झकझोर कर रख दिया हैं. मवेशी तस्करी और अस्पताल में इलाज की लापरवाही के मुद्दे को उठाते हुए, परिजन और स्थानीय लोग न्याय की उम्मीद कर रहे हैं. प्रशासन को इस मामले में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि दोषियों को सजा मिल सके और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.