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रांची/डेस्क: झारखंड के युवा और प्रेरणादायक धावक अकरम अंसारी ने आज लोनावला में आयोजित 50 किलोमीटर की अल्ट्रा मैराथन को 05 घंटे, 54 मिनट और 15 सेकंड में सफलतापूर्वक पूरा कर मेडल अपने नाम किया. इस मैराथन की खास बात यह थी कि इसे रात 1:00 बजे शुरू किया गया, जिससे धावकों को अंधेरे और ठंड के बीच अपनी शारीरिक और मानसिक सहनशक्ति की कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ा. इस मैराथन में देशभर से आए सैकड़ों धावकों ने भाग लिया, लेकिन अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और कठिन परिश्रम के बल पर अकरम ने इस चुनौतीपूर्ण दौड़ को शानदार तरीके से पूरा किया.
लोनावला की खूबसूरत लेकिन पहाड़ी और उतार-चढ़ाव वाली सड़कों पर आयोजित यह अल्ट्रा मैराथन न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक सहनशक्ति की भी परीक्षा थी. इस मैराथन का उद्देश्य प्रतिभागियों को अपनी सीमाओं से परे जाकर अपने भीतर छिपी क्षमता को पहचानने के लिए प्रेरित करना था.
अकरम अंसारी: प्रेरणा का प्रतीक
अकरम अंसारी झारखंड के एक बहुआयामी व्यक्तित्व हैं, जो न सिर्फ एक उत्साही अल्ट्रा-मैराथन धावक हैं, बल्कि एक सिविल इंजीनियर, समाजसेवी और मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं. उन्होंने अब तक लद्दाख मैराथन, टाटा मुंबई मैराथन, टाटा स्टील कोलकाता मैराथन, अपोलो दिल्ली मैराथन और आज़ादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में रांची से रामगढ़ तक की 50 किलोमीटर की अल्ट्रा मैराथन पूरी की है.
सिर्फ दौड़ ही नहीं, अकरम एक अंतरराष्ट्रीय साइकिलिस्ट भी हैं, जिन्होंने 6,000 किलोमीटर की रांची से सिंगापुर तक की यात्रा 49 दिनों में पूरी की है, और एक प्रशिक्षित पर्वतारोही के रूप में हिमालय की 6,000 मीटर ऊंची ब्लैक पीक को भी फतह किया है. उनकी इस नई उपलब्धि ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत, निरंतरता और सकारात्मक सोच के साथ किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. अकरम अंसारी अपनी इन उपलब्धियों से युवाओं को प्रेरित करने के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.