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रांची/डेस्क: झारखंड ने कर्नाटक और गुजरात में ह्यूमन मेटान्यू मोवायरस (HMPV) की पुष्टि के बाद झारखंड भी अलर्ट हो गया हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस पहले से ही मौजूद है, पर ज्यादा आक्रामक नहीं है. फिर भी, लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है. घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उचित सावधानी बरतनी चाहिए.
इस संदर्भ में, स्वास्थ्य विभाग ने सभी सिविल सर्जनों के साथ एक बैठक आयोजित की और बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं. आइसीएमआर के गाइडलाइन के अनुसार, तैयारी की जा रही है और ऐहतियातन जांच किट का ऑर्डर भी दिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग ने जारी की गाइडलाइन
स्वास्थ्य विभाग ने एचएमपीवी वायरस को लेकर एडवाइजरी जारी की है. इसमें स्पष्ट किया गया है कि यह वायरस नया नहीं है और सर्दियों में ऐसे मामलों का सामना पहले भी किया गया है, इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं है. भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क का उपयोग करें, सेनिटाइजर का प्रयोग करें और हाथों की स्वच्छता बनाए रखें. भीड़ वाले स्थानों में जाने से बचें, अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाएं और ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुनिश्चित करें.
बता दें कि चीन के कुछ हिस्सों में हाल के दिनों में वायरस के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी गई है. इस वायरस के सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई और निमोनिया शामिल हैं. यह वायरस खांसने और छींकने के माध्यम से भी फैलता है. इसके लक्षण तीन से छह दिनों तक बने रह सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, छोटे बच्चे और 62 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. इस संक्रमण से बचाव के लिए अभी तक कोई प्रभावी दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. इससे बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, आराम करना और दर्द निवारक दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह पर करना आवश्यक है.
बेंगलुरु में सामने आया इस वायरस का पहला मामला
इस वायरस का पहला मामला बेंगलुरु में सामने आया, जिसके बाद कर्नाटक और महाराष्ट्र में 2-2, गुजरात में 1, पश्चिम बंगाल में 1 और तमिलनाडु में 2 मामलों की पुष्टि हुई है. देश में HMPV वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट मोड पर आ गई हैं. बता दें कि भारत में HMPV वायरस के अब तक 8 मामले सामने आ चुके हैं, जो देश के 5 राज्यों से रिपोर्ट किए गए हैं