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रांची/डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी के पद पर नियुक्ति से संबंधित एक महत्वपूर्ण अवमानना याचिका में मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह सचिव वंदना डाडेल, डीजीपी अनुराज गुप्ता और अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया हैं. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 4-5 मई की तारीख तय की हैं.
बता दें कि, यह मामला बाबूलाल मरांडी द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कई डीजीपी की नियुक्तियों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करने से जुड़ी अनेक याचिकाएं दायर की थी. हालांकि इन सभी याचिकाओं को 25 के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया था.
बाबूलाल मरांडी द्वारा दायर की गई याचिका में यह कहा गया कि डीजीपी पद पर अनुराग गुप्ता को नियुक्ति के लिए प्रकाश सिंह बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय-समय पर दिए गए फैसलें और दिशा-निर्देश का उल्लंघन किया गया हैं. याचिका में यह भी बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 22 सितंबर, 2006 को दिए गए आदेश में कहा गया था कि राज्य सरकार डीजीपी के पद पर प्रोन्नत होने वाले अधिकारियों की सूची को लोक सेवा आयोग भेजेगी और सरकार आयोग द्वारा तैयार पैनल में से किसी को इस पद पर नियुक्त करेगी. इसके अलावा डीजीपी का कार्यकाल दो साल का होगा. भले ही उनकी सेवानिवृति की तिथि पहले हो.यह नियुक्ति पूरी तरह से मेरिट पर आधारित होनी चाहिए और इसमें किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं होना चाहिए.
इस दौरान न्यायालय ने अपने फैसले में यह स्पष्ट किया था कि डीजीपी पद पर नियुक्त अधिकारी निर्धारित समय सीमा से पहले तभी हटाया जाएगा जब अखिल भारतीय सेवा नियमावली के तहत उसके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई हो या फिर न्यायालय द्वारा किसी आपराधिक या भ्रष्टाचार मामले में उसे दोषी करार दिया गया हो.इस आदेश के बावजूद बाबूलाल मरांडी ने अपनी याचिका में यह बताया है कि अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाने के लिए आदेशों का उल्लंघन किया गया था.