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रांची/डेस्क: बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पलटी मारते हुए अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. आज सुबह राजभवन पहुंचने के बाद उन्होंने राज्यपाल राजेंद्र अरलेकर को अपना इस्तीफा पत्र सौंपा. इसके बाद फिर से राजभवन जानकर नीतीश कुमार ने एनडीए समर्थन पत्र को राज्यपाल को सौंपा. और फिर से एक बार नौवीं पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राजभवन जाने से पहले नीतीश कुमार ने अपने पार्टी जेडीयू के विधायकों के साथ एक बैठक की थी जिसमें उन्होंने था कि 'अब साथ रहना मुश्किल है और इस्तीफे का वक्त है.' इसके बाद वे इस्तीफा सौंपने के लिए राजभवन पहुंचे जहां उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा.
मेहनत हम लोग करते थे और क्रेडिट दूसरे लोग ले रहे थे- नीतीश कुमार
राज्यपाल को इस्तीफा पत्र सौंपने के बाद मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि 'हमने आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और जो सरकार थी हमने उसे भी खत्म करने का प्रस्ताव राज्यपाल राजेंद्र अरलेकर को दे दिया है. सभी लोगों की राय, अपनी पार्टी की राय, सब ओर से राय आ रही थी. हमने अपने लोगों की राय को सुना और वर्तमान सरकार को खत्म कर दिया. नीतीश कुमार ने कहा कि पहले गठबंधन को छोड़कर हमने नया गठबंधन बनाया था. इस तरफ आकर स्थिति कुछ ठीक नहीं लगी, इसीलिए आज हम लोगों ने इस्तीफा दे दिया और अलग हो गए. नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग इतनी मेहनत करते थे और उसका सारा क्रेडिट दूसरे लोग ले रहे थे. अब नए गठबंधन में जा रहे हैं. पहले जो पार्टियां एक थीं (जदयू और बीजेपी), आज फैसला करेंगी तो आगे बताएंगे'.
राजभवन में चल रही शपथ समारोह की तैयारियां
वहीं दूसरी तरफ बिहार में नई सरकार के शपथ समारोह को लेकर राजभव में तैयारियां शुरू हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, नीतीथ कुमार आज शाम को ही एनडीए के साथ मिलकर नई सरकार में शपथ ग्रहण ले सकते है. खबर है कि मुख्यमंत्री आवास में जेडीयू विधायकों की बैठक के दरमियान नीतीश कुमार ने बीजेपी के एक बड़े नेता से फोन पर बात की थी जिसके बाद वे राजभवन पहुंचे और वहां राज्यपाल राजेंद्र अरलेकर को मुख्यमंत्री पद का इस्तीफा पत्र दिया. हालांकि बीजेपी के किस बड़े नेता से नीतीश की बात हुई यह अबतक साफ नहीं हो पाया है. इधर, प्रदेश बीजेपी प्रभारी विनोद तावड की उपस्थिति में पटना स्थित बीजेपी कार्यालय में भी बीजेपी विधायकों की बैठक बुलाई गई जिसमें सी विधायकों ने समर्थन पत्र में अपने-अपने हस्ताक्षर किए.
बिहार में क्या हैं विधानसभा के आंकड़े, जानें
बिहार की विधानसभा में कुल 243 सदस्य है अगर किसी को बिहार में सरकार बनानी है तो इसके लिए 122 विधायकों का समर्थन होना जरूरी है. आपको बता दें, बिहार में आरजेडी के पक्ष में 79 विधायक और यह पार्टी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है इसके अलावे बीजेपी के पास 78, जेडीयू के पास 45 विधायक, जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली पार्टी HAM के पास 4 विधायक, लेफ्ट- 16, कांग्रेस के पास 19, 1 निर्दलीय विधायक और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी में एक विधायक है जो न तो एनडीए में शामिल है और ना ही महागठबंधन में हैं.
बीजेपी, जेडीयू और हम पार्टी के विधायकों की संख्या क्रमशः 78, 45 और 4 हैं अगर इन तीनों पार्टी के विधायकों को मिला दिया जाए तो कुल संख्या 127 होती है. जबकि महागठबंधन में शामिल आरजेडी में 79, लेफ्ट में 15 और कांग्रेस में विधायकों की संख्या 19 है. जबकि एक निर्दलीय और एक एआईएमआईएम विधायक है. महागठबंधन का संयुक्त आंकडा बिहार विधानसभा में 144 बनता है जो बहुमत संख्या से 8 कम है.