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रांची/डेस्कः रामगढ़ जिला के ट्रैफिक जमादार राहुल कुमार सिंह की संदेहास्पद मौत मामले की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है आपको बता दें, हजारीबाग के डीआईजी सुनील भास्कर की जांच में यह बात सामने आई है कि राहुल कुमार सिंह पर मानसिक दबाव बनाया जा रहा था. उन्होंने डीजीपी अजय कुमार सिंह के निर्देश पर अपनी जांच रिपोर्ट भी सौंप दी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल कुमार सिंह मानसिक दबाव में था उनपर दबाव था कि वे एक बड़े मामले में एक निर्दोष व्यक्ति को आरोपी बनाया जाए, लेकिन राहुल कुमार इसके लिए तैयार नहीं थे. रामगढ़ जिला में पदस्थापित बड़े अधिकारियों से कई स्तर पर चूक हुई है
आपको बता दें, मामले में DGP अजय कुमार सिंह के निर्देश पर डीआईजी सुनील भाष्कर ने 22 जुलाई (सोमवार) की शाम अपनी जांच रिपोर्ट भी सौंप दी हैं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, डीआईजी द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट में किसी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा नहीं है लेकिन मृतक के परिजनों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों से इस बात की पुष्टि हुई है कि मृतक राहुल पर गलत तरीके से दबाव बनाया जा रहा था जिसके कारण वे वे मानसिक तनाव में रह रहे थे इन बातों की पुष्टी डीआईजी की रिपोर्ट में हुई है आपको बता दें, रामगढ़ के जमादार राहुल कुमार सिंह की मौत रविवार को ड्यूटी के दौरान हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने आरोप लगाया था कि उनपर एक निर्दोष व्यक्ति को दोषी करार देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था जिसके लिए वे तैयार नहीं थे.
जानें, डीआईजी की जांच रिपोर्ट्स में क्या है
आपको बता दें, मामले में डीआईजी जांच में यह पाया गया है कि रामगढ़ थाना में चोरी का एक केस दर्ज किया गया था जिसमें उसी थाना में पदस्थापित जमादार राहुल कुमार सिंह को अनुसंधानक बनाया गया था. मामले में शक के आधार पर रामगढ़ निवासी अनिकेत को गिरफ्तार कर थाना लाया गया था लेकिन अनिकेत ने थाने के हात में ही खुदकुशी कर ली. उसके आत्महत्या करने पर अलग से एक केस दर्ज किया गया. इस मामले में 21 फरवरी केस दर्ज किया गया और इसका अनुसंधानक भी नियम के खिलाफ राहुल कुमार सिंह को ही बनाया गया. इतना ही नहीं मामले में राहुल कुमार पर यह दबाव बनाया जाने लगा था कि अनिकेत को ही चोरीकांड का सरगना बताया जाए. ऐसा कर थानेदार यह चाहते थे कि इस मामले में राहुल कुमार फंस जाए और वे बेदाग रहे. लेकिन इसके लिए मृतक राहुल तैयार नहीं हुए. इस संबंध में राहुल कुमार सिंह ने रामगढ़ के तत्कालीन एसपी डॉ विमल कुमार को भी जानकारी दी थी मगर उनके स्तर से भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई.