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रांची/डेस्क: झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडी गठबंधन की शानदार जीत के बाद राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार बन गई है. ऐसे में भविष्य में होने वाले राज्यसभा चुनाव में भी सत्तारूढ़ झामुमो का ही दबदबा रहेगा. 2029 तक का राज्यसभा चुनाव भाजपा के पकड़ से बाहर है. ऐसे में अगले पांच सालों के दौरान राज्यसभा की 4 सीटें रिक्त होंगी. झारखंड में भाजपा के पास अभी इतने विधायक नहीं है, जिससे वह अपने डम्पर किसी को चुनाव जीतकर राज्यसभा भेज सके. भाजपा के सहयोगी दलों को भी मिलकर एक प्रत्याशी की जीताने का आंकड़ा पार नहीं हो रहा है.
झारखंड में राज्यसभा की क्या है गणित
झारखंड से चुनाव जीतकर राज्यसभा सांसद बनने के लिए न्यूनतम 27 विधायकों के प्रथम वरीयता के वोट जरूरी है. लेकिन भाजपा के पास उनके सहयोगी दलों को मिलकर भी यह आंकड़ा नहीं है. भाजपा के पास कुल 21 विधायक है, वहीं उनके सहयोगी दल की बात करें तो जेडीयू ,लोजपा (रामविलास) और आजसू के समर्थन के साथ कुल मिलाकर 24 विधायक है.