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रांची/डेस्क: आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में भाजपा और आजसू की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. प्रेस कॉन्फ्रेंस में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो,गिरीडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी मौजूद रहे. वही केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश में एनडीए की सरकार है. झारखंड सरकार ने राज्य में तबाही और बर्बादी मचा दी है. झारखंड में बेटियों की आजीविका और उनकी जमीन बचाने और भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने फैसला किया है कि एनडीए मिलकर चुनाव लड़ेगा. इंडि गठबंधन के कुशासन का अंत हमलोग करेंगे. आपको बता दें कि आपस में चर्चा पूरी हो चुकी है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने कहा कि यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए के घटक दल लड़ेंगे. आज मैं जो बता रहा हूं वह अंतिम नहीं है. इसमें कुछ बदलाव हो सकते हैं. आजसू 10 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. जिसमें सिल्ली, रामगढ़, गोमिया, ईचागढ़, मांडू, जुगसलाई, डुंगरी, पाकुड़, लोहरदगा, मनोहरपुर है. वही लोजपा 1 और जदयू 2 सीट पर लड़ेगी. पश्चिम जमशेदपुर और तमाड़ जदयू लड़ेगी. चतरा से लोजपा लड़ेगी. बड़कागांव से बीजेपी लड़ेगी, यह चुनाव प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और आजसु सुप्रीमो सुदेश महतो को मिलकर लड़ना है.
आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि वर्तमान सरकार के कुशासन से कोई भी वर्ग अछूता नहीं है. यह भारत की पहली सरकार है जिसके पास न शासन है और न ही नीति. क्षेत्रीय पार्टी होने के नाते मैं एनडीए के साथ मिलकर चुनाव में आगे बढ़ूंगा. उन्होंने कहा कि हमने कभी रूठने होने जैसे शब्दों को सामने नहीं आने दिया. आज पहले चरण का सीट बंटवारा हो गया है. उम्मीदवार के नाम की घोषणा के लिए हमें एक-दो दिन और इंतजार करना होगा.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि एनडीए गठबंधन राज्य की जनता के लिए चुनाव जीतना चाहेगा. सरकार पर निशान साधते हुए कहा की उन्होंने 5 लाख नौकरी देने का वादा किया था. उन्होंने अपने पिता की कसम खाई थी. विधानसभा के अंदर कहा था कि बेरोजगारी भत्ता देंगे. पूरे पांच साल बीत गए लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं हुआ. माताओं-बहनों के साथ इतने अपराध हुए. वे सुरक्षा तक नहीं दे सके. वे आदिवासियों का नाम लेते रहे लेकिन आज उनकी क्या स्थिति है. रांची के आसपास जमीन दलाल हैं. उन्होंने सेना की जमीन को भी नहीं छोड़ा. जब हम संथाल परगना को देखते हैं, तो जनसंख्या 44% से घटकर 26% हो गई है. इसलिए हमें अपनी रोटी, बेटी और मिट्टी को बचाना है.
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