अनंत/न्यूज़11 भारत
बोकारो/डेस्क: सीबीआई धनबाद की टीम ने सीसीएल कथारा वाशरी में कार्यरत कार्मिक विभाग के क्लर्क सुरेश ठाकुर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. सुरेश ठाकुर पर आरोप है कि उन्होंने सेवानिवृत्त कर्मचारी गोपीनाथ मांझी का पेय प्रोटेक्शन एरियर का भुगतान करने के बदले रिश्वत की मांग की थी. जानकारी के अनुसार, गोपीनाथ मांझी, जो पेटरवार प्रखंड के चापी अम्बा टोला के निवासी हैं, कई दिनों से अपने एरियर भुगतान के लिए प्रयासरत थे. हालांकि, रिश्वत न देने के कारण उनका भुगतान अटका हुआ था. अंततः, गोपीनाथ ने यूनियन नेता रामविलास रजवार की मदद से सीबीआई धनबाद में शिकायत दर्ज करवाई.
सीबीआई ने गोपीनाथ मांझी और रामविलास रजवार के सहयोग से इस मामले में जाल बिछाया. टीम ने केमिकल युक्त 15,000 रुपये का नोट रामविलास रजवार को दिया, जिसे उन्होंने क्लर्क सुरेश ठाकुर को सौंपा. जैसे ही सुरेश ठाकुर ने वह पैसा लिया, सीबीआई की टीम ने उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद, सुरेश ठाकुर का हाथ धुलवाया गया, जिससे केमिकल युक्त नोटों के जरिए रिश्वत की पुष्टि हुई. इसके बाद सीबीआई की टीम ने पीओ ऑफिस में घंटों तक पूछताछ की और फिर सुरेश ठाकुर को धनबाद ले गई.
गोपीनाथ मांझी ने 16 दिसंबर 2022 को पीओ को आवेदन दिया था, लेकिन दो साल से उनका एरियर भुगतान नहीं किया गया. सुरेश ठाकुर ने एरियर भुगतान के लिए 25,000 रुपये की मांग की, जिसके बाद 15,000 रुपये रिश्वत लेने पर वह राजी हुए. रामविलास ने सीबीआई के धनबाद कार्यालय पहुंचकर क्लर्क की घूसखोरी की पूरी दास्तान सुनाई, जिसके बाद सीबीआई ने कार्रवाई की. इस कार्रवाई से सीसीएल के कर्मचारियों और स्थानीय लोगों के बीच हड़कंप मच गया है. मामले की विस्तृत जांच जारी है.