बड़ी तादाद में कुम्हारों के दीये की बिक्री पड़ी धीमी, रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कुम्हार समाज के लोग मिट्टी के दीया, कलश व कुल्हड़ आदि का निर्माण कर रहे है. दीपावली व छठ में कुम्हार की चाक की रफ्तार तेज हो जाती है. प्रखंड के विभिन्न गांवों में मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार दिपात्रली एवं छठ पूजा के पहले मिट्टी के बर्तन और दीए बनाने में जुटे हुए हैं. लेकिन चाइनीज लाइट के कारण दीपक की चमक फीकी पड़ गई है. इस सम्बंध में झारखंड कुम्हार प्रजापति महासंघ के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य गोपाल पंडित ने कहा कि हमारे पूर्वज सालों से यही काम करते आ रहे है. ऐसे में हम लोग दूसरा काम कर भी नहीं पाते है. कुछ महीने ही हम लोग का काम अच्छी तरीके से चल पाता है. उसमें भी चीनी लाइट आ जाने से मिट्टी के बने दीए एवं अन्य समान की बिक्री की समस्या उत्पन्न हो गई है.
उन्होंने बताया कि अगर हमारे मिट्टी के बनाए गए दीपक और मिट्टी सामग्री को लोग खरीदारी लगातार करेंगे, तो हम लोग की स्थिति अच्छी रहेगी. उन्होंने कहा कि कुम्हारों की इस समस्या पर सरकार और प्रशासन चाहिए ताकि हम लोग को भी जिंदगी अच्छे से काट सके. उन्होंने लोगों से मिट्टी के बने बर्तन एवं दीए खरीदने के अपील किया.
बरही प्रखंड अध्यक्ष कमल शंकर पंडित ने कहा कि चाइनीज लाइट सस्ती तो होती है. लेकिन बहुत ही जल्दी खराब भी हो जाती है जबकि मिट्ट के दिए को बार- बार प्रयोग में लाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हिन्दू धार्मिक कार्यों प्रयोग करने की वर्णन किया है. मिट्टी के बर्तन का प्रयोग करने से वातावरण भी शुद्ध रहता है. उन्होंने दीपावली-छठ जैसे महापर्व के मौके पर सभी लोगों को मिट्टी के बने बर्तन को प्रयोग करने की अपील किया ताकि कुम्हारों का परिवार भी अपने दीपावली छठ पर्व को आनंद और खुशियों के साथ मना सके.