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रांची/डेस्कः मंत्रिमंडल विस्तार के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में बड़े पैमाने पर खनन गतिविधियां होती हैं, लेकिन विस्थापित लोगों के लिए कोई नीति नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने आयोग बनाने का फैसला किया है. कैबिनेट की बैठक में इसको लेकर प्रस्ताव रखा गया है. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में खनन गतिविधियां बड़े पैमाने पर की जाती हैं, क्योंकि यहां देश के 40 प्रतिशत खनिज भंडार हैं, लेकिन विस्थापितों या विस्थापित होने वाले लोगों के लिए कोई उचित नीति नहीं है. जल्द ही हम विस्थापन आयोग का गठन करेंगे और विस्तृत जानकारी देंगे.
सीएम हेमंत ने आगे कहा कि विस्थापित लोगों का एक सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण और एक डेटाबेस तैयार किया जाएगा, ताकि हम खनन के उतार-चढ़ाव को समझ सकें और एक दस्तावेज तैयार कर सकें कि खनन गतिविधियों और इसके प्रभाव के कारण हमारे लोगों को क्या लाभ और क्या हानि होती है. इसको लेकर एक रिपोर्ट तैयार किया जाएगा. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सहायक पुलिसकर्मियों से अपील करते हुए कहा कि आपको आंदोलन करने की जरूरत नहीं है. यह सरकार संवेदनशील है और आपसे बातचीत कर रास्ता निकाला जाएगा. हमारी सरकार के आंख-कान दोनों है. राज्य में किसी को भी आंदोलन करने की जरूरत नहीं है. इससे पहले झारखंड सरकार की ओर से प्रोजेक्ट भवन में मंत्रियों की पहली बैठक बुलाई गई थी.