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रांची/डेस्क: भगवान शिव की बसी हुई नगरी काशी को हिनू मान्यताओं में मोक्ष नगरी माना जाता है. इसे आप बनारस कहे या वाराणसी या कशी सब एक ही है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक़, इस शार की रचना खुद भगवान शंकर ने की थी. यह शहर महादेव के त्रिशूल पर टिका हुआ है. सनातन धर्म में ऐसा माना जाता है कि काशी में आकर सभी भक्तों के पाप धुल जाते है. इसके साथ उन्हें अपने इस जीवन के बाद मोक्ष मिल जाता है. यहां ऐसी भी मान्यता है कि अगर कोई भी जीव-जंतु इस पवित्र नगरी में अपने प्राण त्यागता है, तो उसे मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है. उसे सीधे मोक्ष प्राप्त होती है. लेकिन क्या आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आप इस पवित्र नगरी से कभी भी इन दो चीजों को अपने घर में नहीं ले कर आए. ऐसा करने से आप पाप के भागीदारी बन सकते है. आइए आपको बताते है कि आपको क्या चीजें कशी से अपने घर नहीं लानी चाहिए.
क्या है वह चीजें?
आपको बता दे कि काशी के पत्र नगरी में पवित्र मां गंगा बहती है. आप यहां से कभी भी गंगा जल अपने घर नहीं लाना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि जल में भी कई जीव, विषाणु, जीवाणु होते है. आप गंगाजल को अपने घर में लाकर अनजाने उन्हें काशी से दूर करते है. इसके साथ आपको गंगा जी की गीली रेत या मिट्टी भी घर नहीं लानी चाहिए. क्योंकि रेत या मिट्टी में भी कई जीव, विषाणु, जीवाणु होते है. ऐसा करने से आप अनजाने में उन जीवों के मोक्ष के मार्ग में बाधा डालते है. इस कारण से आप पाप के भागीदार बन जाते है. अगर आप किसी भी जीव को काशी नगरी से दूर करते है तो आप महापाप के भागीदार हो जाते है.
नोट: इस खबर में दी गई सारी जानकारी धार्मिक मान्यताओं और पौराणिक कथाओं पर आधारित है हम इस बात की पुष्टि नहीं करते है.