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रांची/डेस्क: अगर आप एक ऑफिस में या कहीं भी काम करते है तो आपको के एक अच्छे वर्क कल्चर की अपेक्षा होती है. अगर आपको अच्छा वर्क कल्चर मिलता है तो आपको काम करने में मजा भी आता है. लेकिन अगर यह वर्क कल्चर ही ख़राब हो तो काम करने का मन ही नहीं करता है. हाल ही में एक ऐसी खबर सामने आ रही है, जिसे सबके होश उड़ गए है. अगर दुनिया में सबसे ख़राब वर्क कल्चर की बात हो तो चीन का नाम सबसे पहले लिया जाता है. यहां कर्मचारियों पर काम को लेकर बहुत ज्यादा दबाव बनाया जाता है. कई बार तो कर्मचारी इस दबाव को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं . आइए आपको एक ऐसे मामले के बारे मे बताते है जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे.
क्या है मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, यह मामले चीन के जियांग्शु प्रांत की है. यहां झांग नाम का व्यक्ति एक डिपार्टमेंटल स्टोर में मैनेजर के तौर पर काम करता था. उसके पास काम करने का 20 साल का अनुभव था. लेकिन इस साल की शुरुआत में वह रात में स्टोर में था और उसे झपकी लग गई थी. कैमरे में वह सोते हुए नजर आ गया था. इसके बाद स्टोर एचआर ने उसे ड्यूटी के दौरान अनुशासनहीनता का हवाला दिया और उसे नौकरी से निकाल दिया.
झांग ने क्या किया?
झंड को उसे नौकरी से निकालने का फैसला बड़ा ही अन्यायपूर्ण लगा. इसके बाद वह न्याय पाने के लिए अदालत के दरवाजे तक पहुंच गया. कोर्ट में झंन्ग को न्याय मिल गया. झांग के पक्ष में कोर्ट ने फैसला सुनाया और कहा कि झांग के काम के दौरान सोना उसकी पहली बार की गलती है. उसके सो जाने से कंपनी को कोई भारी नुकसान भी नहीं पहुंचा. इसके अलावा कोर्टने कहा की झांग ने 20 सालों से निष्ठावान सेवा की और इसके बाद उसे इस तरह से नौकरी से निकालना यह बहुत ही गलत बात है.
कंपनी ने दिया भारी मुआवजा
इस मामले में कोर्ट ने कंपनी को यह आदेश दिया कि वह झांग को 40 लाख रुपए मुआवजा के रूप में दे. कोर्ट के इस फैसले के बाद झांग की कहानी सोशल मीडिया पर आग लगा रही है.