आशिष शास्त्री/न्यूज़11 भारत
सिमडेगा/डेस्क: चैत्र मास शुरुआत से हीं सूरज आग बरसाने लगा है और धरती तपने लगी है. बढ़ती गर्मी के कारण धरती के जलस्तर रसातल में पहुंचने लगे हैं. जिससे जल संकट गहराने लगा है. पानी के लिए ग्रामीणों को हर दिन परेशान होना पड़ रहा है.
गर्मी के प्रचंडता अभी शुरू भी नहीं हुई और संकट गहराने लगा हैं. रसातल में कुंए के पानी पंहुच गए हैं. तालाबों में दरारें पडने लगी हैं. पानी के लिए ग्रामीण परेशान होने लगे. मार्च का महीना अभी से ही गर्मी शुरू हो गई हैं. सिमडेगा के कई ग्रामीण क्षेत्रों में अभी से जल संकट गहराने लगा है. सिमडेगा के शहरी क्षेत्र के दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां कुंए का पानी अभी से रसातल में पंहुच गया है. एक बाल्टी पानी भी इन कुओं से नहीं मिल पा रही है. गांव के तालाब भी सुखने लगे हैं. जिससे जानवरों को भी पानी मिलने में परेशानी हो रही है. गांव वाले अहले सुबह से पानी की तलाश में दुर नदी चापाकल आदि तलाश कर किसी तरह पानी लेकर आ रहे हैं. गहराते जल संकट से ग्रामीण काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि प्रशासन और सरकार अगर जल्द इस गहराते जलसंकट से निबटने का उपाय नहीं करेगी तो लोग पलायन को मजबूर हो जाएंगे.
ये भी पढ़ें-गिरिडीह के गांडेय में रिश्वतखोरी का खेल, बिना 5% कमीशन नहीं होता काम
एक तरफ कुंआ तालाब दम तोड रहे हैं दूसरी तरफ कई गांव में लगे चापाकल भी दम तोड चुके हैं. कहीं कहीं तो वर्षों से चापाकल खराब है. जिससे ग्रामीणों को पानी के लिए खासी परेशानी उठानी पड रही है. नगर परिषद जिसके जिम्मा शहरी क्षेत्र में जल आपूर्ति करना है. उसके कार्यपालक समीर बोदरा से जब इस गहराते जलसंकट के संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे जलमीनार आदि का निर्माण करवा रहे हैं. इसके अलावा सभी खराब चापाकल को दुरुस्त करवाने की बात कही. उन्होंने कहा कि जहां भी जलसंकट होगा वहां टैंकर से पानी आपूर्ति की जाएगी.
मार्च में हीं जल संकट के ये हालात हैं अभी तो अप्रैल मई की प्रचंड गर्मी बाकि है. गर्मी बढते नदियों के पानी भी घटने लगेगें तब हालात और गंभीर हो सकता है. विभाग समय पर सभी खराब चापाकलों की मरम्मत नहीं करेगा तो आने वाले दिनों में पानी के लिए गांव गांव में हाहाकार नजर आएगा.