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रांची/डेस्क: आजकल टाइप 2 डायबिटीज एक सामान्य समस्या बन चुकी है, और इसके पीछे प्रमुख कारण हमारी बदलती लाइफस्टाइल और खानपान हैं. लेकिन एक नई रिसर्च ने यह साबित किया है कि रेड मीट का सेवन भी इस खतरनाक बीमारी का कारण बन सकता है.
क्या कहती है रिसर्च?
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक अध्ययन किया और पाया कि सिर्फ हफ्ते में दो बार रेड मीट खाने से ही टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 62% तक बढ़ सकता है. अगर आप प्रोसेस्ड रेड मीट, जैसे सॉसेज, बेकन, हैम या हॉट डॉग खाते हैं, तो ये खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है.
कैसे बचें?
रिसर्च के मुताबिक, अगर आप अपनी डायबिटीज के जोखिम को कम करना चाहते हैं, तो रेड मीट का सेवन कम से कम करें. प्रोसेस्ड या बिना प्रोसेस्ड, दोनों तरह के रेड मीट को सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए. और हाँ, इसका मतलब यह नहीं कि आप रेड मीट को पूरी तरह से छोड़ दें, आप हफ्ते में एक बार इसे सीमित मात्रा में खा सकते हैं.
बेहतर विकल्प क्या हैं?
आशा की बात यह है कि जब आप रेड मीट की बजाय नट्स, बीन्स और अन्य प्लांट-बेस्ड प्रोटीन का सेवन करते हैं, तो टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 30% तक कम हो सकता है. ये खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर को नियंत्रित रखते हैं, क्योंकि इनमें हेल्दी फैट, फाइबर और प्रोटीन होता है. नट्स और सीड्स से मिलने वाला फाइबर और फैट आपके शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित रखता है.