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रांची/डेस्क: झारखंड में आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन की लाख सख़्ती और दावे के बावजूद नकली शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा हैं. खासकर पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा और चक्रधरपुर में तो मानो नकली शराब की फैक्ट्रियों का अड्डा बन गया हो. बता दें कि बुधवार को एक बार फिर चक्रधरपुर पुलिस ने शहर के पंप रोड स्थित नीतय मंडल नामक व्यक्ति के मकान में छापेमारी कर ऐसी ही एक अवैध फैक्ट्री का पर्दाफाश किया. जहां बड़े पैमाने पर नकली शराब तैयार की जा रही थी. इस छापेमारी की खास बात यह रही कि फैक्ट्री में शराब की बोतलों के साथ-साथ सरकारी और ब्रांडेड कंपनियों के स्टीकर, ढक्कन और अन्य सामग्री भारी मात्रा में बरामद की गई.
पश्चिमी सिंहभूम जिला के एसपी आशुतोष शेखर को गुप्त सूचना मिली थी कि पंप रोड के एक मकान में अवैध रूप से नकली शराब तैयार की जा रही है. इसी सूचना के आधार पर पुलिस की टीम ने बुधवार देर रात अचानक उस मकान पर छापा मारा. जैसे ही दरवाजा खोला गया, भीतर का दृश्य देखकर पुलिसकर्मी भी स्तब्ध रह गए. कमरे में जगह-जगह ब्रांडेड शराब की बोतलें, उनके नकली लेबल, सरकारी स्टीकर, ढक्कन और शराब निर्माण से जुड़ी तमाम सामग्री बिखरी पड़ी थी. ऐसा लग रहा था मानो यह कोई शराब कंपनी का गोदाम हो, लेकिन असल में यह था नकली शराब बनाने का अड्डा. पुलिस ने तुरंत सभी सामानों को ज़ब्त कर लिया और थाने ले आई. हालांकि, इस पूरे मामले पर अब तक पुलिस प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. इस संबंध में पश्चिमी सिंहभूम जिला के एसपी आशुतोष शेखर ने कहा कि अवैध शराब के विरुद्ध कार्रवाई हुई है आगे भी कार्रवाई की जाएगी.
यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि छापेमारी के दौरान किसी की गिरफ्तारी हुई या नहीं और किन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. चक्रधरपुर में यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई बार नकली शराब बनाने की फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ हो चुका है, लेकिन फिर भी यह अवैध धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा. बताया जा रहा है कि पश्चिमी सिंहभूम और उसके आसपास के इलाकों में नकली शराब की खुलेआम बिक्री हो रही है, जिससे माफिया लाखों की कमाई कर रहे हैं.
सूत्रों की मानें तो चक्रधरपुर और चाईबासा के लाइसेंसी शराब दुकानों में विभागीय मिली भगत से भी नकली शराब बेची जा रही है, जो न केवल कानून के लिए चुनौती है बल्कि सरकारी राजस्व की लूट भी है और लोगों की जान के लिए भी खतरा बन चुकी है. विशेषज्ञों का कहना है कि नकली शराब का सेवन लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक साबित हो सकता है. अगर समय रहते इस पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में इसकी कीमत आम जनता को अपनी जान से चुकानी पड़ सकती है. अब देखना यह है कि प्रशासन इस बार कितनी सख्ती दिखाता है और इस गोरखधंधे में लिप्त असली गुनहगारों को कब तक सलाखों के पीछे पहुँचाया जाता है.