कौशल आनंद, न्यूज11 भारत
रांचीः राज्य की महत्वाकांक्षी फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाने की दिशा में कार्यवाही शुरू हो चुकी है. पानी की अनश्चिता को देखते हुए हटिया डैम में इसे लगाने का प्रस्ताव रिजेक्ट कर दिया है. जेबीवीएनएल एवं सेकी की टीम ने हटिया डैम का निरीक्षण किया था, अन्य मानकों में तो हटिया डैम सही पाया गया, मगर डैम में पानी के भंडारण की अनिश्चिता को देखते हुए इस डैम में प्रोजेक्ट को लगाने से इंकार कर दिया गया. अब केवल रांची के रूक्का डैम में ही प्लोटिंग सोलर प्लांट लगाया जाएगा.
पहले रूक्का में 100 और हटिया डैम में 50 मेगावाट का प्लांट लगाने का था प्रस्ताव
शुरूआत में जेबीवीएनएल ने रूक्का में 100 मेगावाट और हटिया डैम में 50 मेगावाट फ्लोटिंग प्लांट लागने का प्रस्ताव था. मगर अब हटिया डैम के 50 मेगावाट के प्रस्ताव को रूक्का में ही मर्ज कर दिया गया है. यानि कि अब रूक्का में 150 मेगावाट का प्लांट लगेगा.
दो से तीन महीने में शुरू हो जाएगा काम
विश्व बैंक के सहयोग से सेकी (सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) इस काम को करेगा. इसके लिए टेंडर निकाल दिया गया है. अप्रैल तक इसका टेंडर फाइनल हो जाएगा. इसके बाद दो से तीन महीने में रूक्का डैम में फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाने का काम शुरू हो जाएगा. यह पूरी योजना 7.50 करोड़ की है.
चांडिल, तेनुघाट और हजारीबाग के छड़वा डैम में भी लगाया जाएगा प्लांट
राज्य सरकार ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए अब फ्लोटिंग पावर प्लांट अन्य जलाशयों में भी लगाने का विचार कर रही है. जानकारी के अनुसार, सरकार चांडिल, तेनुघाट और हजारीबाग के छड़वा डैम में भी इसे लगाने पर विचार कर रही है. अगर सरकार मन बना लेती है तो जल्द ही इसका प्रस्ताव ज्रेडा या जेबीवीएनएल तैयार कर सकती है.
देश का यह पहला बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट होगा
देश का पहला 150 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट रांची के रूक्का डैम में लगाया जाएगा. झारखंड बिजली वितरण निगम एवं ज्रेडा के सहयोग से यह कार्य सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) कर रहा है. अब तक केवल केरल में महज 2 मेगावाट और महाराष्ट्र में 500 किलोवाट के फ्लोटिंग सोलर प्लांट थे. उसमें भी केरल का प्लांट दो साल पहले बाढ़ में बह गया था.
इससे उत्पादित बिजली होगी सस्ती
रूक्का डैम में प्लांट की बिजली की दर 3.30 रुपए तय किया गया है. इससे उत्पादित बिजली झारखंड बिजली वितरण निगम खरीदेगा. इससे झारखंड में ग्रीन इनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है.
बेल्जियम की एक्सपर्ट टीम दे चुकी है हरि झंडी
सेकी ने फिजिबिलिटी सर्वे का कार्य बेल्जियम की एक्सपर्ट टीम से कराया था। इसमें इसे करीब-करीब हरि झंडी मिल चुकी है. अब इसकी टेक्निकल फिजिबिलिटी चेकिंग का काम होगा. इसके बाद सेकी ही इसका टेंडर जनवरी में करेगा. इसके बाद इस प्लांट के लगाए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा.
फ्लोटिंग सोलर प्लांट से जल वाष्प रुकेगा, पानी की होगी बचत
फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाने के पीछे मुख्य वजह जमीन है. इतना बड़ा प्रोजेक्ट लगाने के लिए हजारों एकड़ जमीन की जरूरत होगी. पानी में इसे लगाने से जलाशयों का पानी वाष्प बनकर नहीं उड़ेगा, जो गर्मी के दिनों में अधिक होता है.