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रांची/डेस्क: भारत-चीन विवाद पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में भारत और चीन के रिश्तों को लेकर बयान दिया. उन्होंने दौरान भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की मौजूदा स्थिति की भी जानकारी दी. जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ एलएसी पर कुछ हिस्से को लेकर असहमति है, जिसे दूर करने के लिए भारत और चीन समय-समय पर बातचीत करते हैं.
भारत चीन सीमा के गलवान घाटी में जून 2020 में हुई झड़प की घटना का भारत-चीन के रिश्तों पर असर पड़ा था. यह 45 वर्षों में पहली बार सीमा पर सैनिकों की जान जाने का मसला नहीं था, बल्कि इसके चलते एलएसी के दोनों तरफ भारी मात्रा में हथियारों की तैनाती हुई थी. जयशंकर ने कहा कि इस बीच तमाम चुनौतियों के बावजूद, हमारे सैन्य बलों ने कोविड काल, रसद की चुनौतियों और भीषण ठंड का सामना करते हुए गलवां घटनाक्रम में समुचित प्रतिक्रिया दी. वे तेजी से और प्रभावी ढंग से जवाबी तैनाती करने में सक्षम थे.
सरकार प्रक्रिया के माध्यम से पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी का काम संपन्न हो गया है, दोनों देशों के संबंध एलएसी की मर्यादा का सख्ती से सम्मान करने और समझौतों का पालन करने पर निर्भर होंगे. सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना हमारे संबंधों के विकास की बुनियादी शर्त है.