वन भूमि से घिरे आरा गांव में जाने को सड़क नहीं, मरीज को लेकर जा रहा एंबुलेंस कीचड़ में फंसा
प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग के इचाक प्रखंड के सुदूरवर्ती डाढा पंचायत का आरा गांव चारों तरफ से वन भूमि से घिरा है. गांव आने जाने के लिए रैयतों का अपना जमीन नहीं है. ग्रामीण वन विभाग के जमीन पर ही बने कच्चे रास्ते से पिछ्ले 300 वर्षो से आना जाना करते हैं. ऐसे में विगत कुछ दिनों पूर्व वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों के हित को दरकिनार करते हुए आरा से फुफंदी गांव जाने वाली मुख्य सड़क पर ट्रेंच खोदकर रास्ते को अवरुद्ध कर दिया.
यह सड़क गांव को प्रखंड और जिला मुख्यालय से जोड़ने का इकलौता रास्ता था. सड़क अवरुद्ध होने से ग्रामीणों के समक्ष आवागमन की भयंकर समस्या उत्पन्न हो गई. इधर बारिश हो जाने से भी अवरुद्ध सड़क कीचड़मय हो गया है. जिसपर ग्रामीण किसी प्रकार ट्रेंच लांघकर आना जाना करते हैं. शनिवार की रात गागो भुइयां की पुत्री पूजा कुमारी (18) की तबियत अचानक बिगड़ गई. ग्रामीणों ने 108 नंबर डायल कर एंबुलेंस बुलाया. लेकिन सड़क नहीं होने के कारण एंबुलेंस गांव से एक किमी दूर सड़क के उस पार ही कीचड़ में फंस गया.
इधर, आनन फानन में ग्रामीणों ने ट्रैक्टर के सहारे एंबुलेंस को बाहर निकाला जिसके बाद बीमार पूजा को सदर अस्पताल हजारीबाग भेजा गया. इधर, सड़क पर गड्ढा खोदे जाने से ग्रामीणों में वन विभाग के खिलाफ़ नाराजगी देखी जा रही है.
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
मुखिया संघ के जिला सचिव और भाजपा नेता नन्द किशोर मेहता ने बताया कि एक साजिश के तहत कुछ लोगों ने अपने स्वार्थ हित में वन विभाग के अधिकारियों से मिलकर वन भूमि पर ट्रेंच कटवाकर ग्रामीणों के 300 साल पुराने रास्ते को अवरुद्ध किया है. जबकि आरा गांव के ग्रामीणों के सहयोग से ही वन क्षेत्र फल फुल रहा है. ऐसे में वन विभाग के अधिकारी ग्रामीणों के हित को ध्यान में रखते हुए रास्ते को पुनः बहाल करें.