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रांची/डेस्क: गुरु नानक जयंती सिख धर्म के लोगों के लिए बहुत ही लोकप्रिय पर्व है, जिसे हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. गुरु नानक साहब को सिखों का पहला गुरु माना जाता है. इस साल गुरु नानक जयंती आज, 15 नवंबर 2024 को मनाया जा रहा है. इस बार नानक देव जी की 555वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है.
इस दिन सिख धर्म के लोग लोग गुरुद्वारे जाकर गुरुग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं. गुरुद्वारों में होने वाले भजन, कीर्तनों में शामिल होते हैं. बता दें कि गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन लोग गुरुद्वारे जाकर मत्था टेकते हैं और गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं. साथ ही इस खास दिन पर गुरुद्वारे में भजन और कीर्तन का विशेष आयोजन भी किया जाता है. स्वयंसेवकों द्वारा भक्तों को लंगर भी परोसा जाता है. आइये जानते हैं गुरु नानक जयंती से जुड़ी सभी जरूरी बातें.
प्रकाश पर्व मनाए जाने का क्या है उद्देश्य
गुरु नानक जी ने अपना पूरा जीवन समाज सुधार के कार्यों में समर्पित कर दिया. इन्होंने जात-पात और ऊंच-नीच के भेदभाव को दूर करने के लिए खास कदम उठाए और लोगों को इंसानियत व ईमानदारी की एकता के सूत्र में बांधने का काम किया. इसके लिए इन्होंने कई उपदेश दिए. नानक साहब द्वारा समाज सुधार के लिए ज्ञान का प्रकाश फैलाया गया है. यही कारण है कि इनकी जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है.
गुरु ग्रंथ साहिब प्रकाश पर्व पर क्या करते हैं
नगर कीर्तन के मार्ग में कई संस्थानों द्वारा लंगर का आयोजन किया जाता है. कीर्तन विभिन्न इलाकों से होता हुआ गुरु घर में ही संपन्न होता है. साथ ही निशान साहिब को चोला साहिब बदलने के साथ अरदास की जाती है. इस दिन गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला जाता है. जगह-जगह लंगर का आयोजन होता है. इस दिन संकीर्तन मंडली द्वारा दिनभर प्रभु जी की महिमा का गुणगान किया जाता है.