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रांची/डेस्कः झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में 6 जिलों के डीसी द्वारा सखिल याचिका पर आज गुरूवार (18 जुलाई) को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार का हलफनामा और 6 जिलों का शपथनामा खारिज किया.
कोर्ट ने खारिज किया 6 जिलों के डीसी द्वारा दाखिल की गई शपथ पत्र
6 जिलों के डीसी के द्वारा दाखिल की गई शपथ पत्र के मुताबिक राज्य में एक भी बांग्लादेशी घुसपैठीया नहीं है. शपथ पत्र के मुताबिक फर्जी पहचान पत्र के जरिए राज्य में एक भी बांग्लादेशी घुसपैठिये नहीं रह रहे है. किसी भी आदिवासी युवति से बांग्लादेशी घुसपैठी ने शादी नहीं किया है. साथ ही कहा गया कि संथाल परगना में संचालित मदरसा पहले की है, बाद में एक भी मदरसा नहीं बना है. इसपर झारखंड हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की और संथाल परगना के 6 जिलों के डीसी द्वारा दाखिल की गई शपथ पत्र को खारिज कर दिया है.
कोर्ट को न करें गुमराह !
कोर्ट ने कहा अदालत को क्यों गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है. कोर्ट ने कहा शपथ पत्र डीसी के द्वारा तैयार नहीं किया गया है, बल्कि कनीय अधिकारियों के द्वारा तैयार किया गया है. पिछली 3 जुलाई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने पाकुड़, जामताड़ा, गोड्डा, दुमका, देवघर समेत 6 जिलों के डीसी को बांग्लादेशी घुसपैठी को चिन्हित कर शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था. वहीं सभी जिलों के SP को डाटा उपलब्ध कराने में DC को फीडबैक देने को कहा था. इसकी मॉनिटरिंग मुख्य सचिव को करने को कहा गया था. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को मौखिक में कहा था कि बांग्लादेशी घुसपैठिये आपकी जमीन पर रह रहे हैं और तमाम सुविधा उठा रहे हैं. इनको चिन्हित करना होगा और इन्हें वापस बांग्लादेश भेजना होगा.
मामले में झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में सुनवाई हुई.बता दें, बंग्लादेशी मूल के लोगों द्वारा झारखंड के संथाल परगना इलाके में घुसपैठ कर लैंड जिहाद किए जाने को लेकर सैयद दानियल ने जांच की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसी मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
आपको बता दें, पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि शपथ पत्र के जरिए संथाल परगना क्षेत्र के सभी DC (उपायुक्त) सिर्फ दो हफ्ते के अंदर एक स्टेटर रिपोर्ट दायर करें, मगर उपायुक्तों की तरफ से अपने से जूनियर अधिकारियों के जरिए शपथ पत्र दायर करवाया गया था. जिसे आज कोर्ट ने खारिज करते हुए एक बार फिर से संथाल क्षेत्र के सभी DC (उपायुक्तों) को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है.