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रांची/डेस्क: हिलटॉप आउटसोर्सिंग एजेंसी जो की कोयला खनन का काम करती है. वह नियमों की धज्जियां उड़ाकर काम करती है. जी हां आपने सही सुना. इसका साफ़ उदाहरण रजक बस्ती और तिवार बस्ती में देखने को मिलता है. पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करते हुए BCCL की हिलटॉपर आउटसोर्सिंग एजेंसी ब्लास्टिंग का काम करती है. वह सिर्फ एक बार नहीं है लगातार नियमों का उल्लंघन करते हुए ब्लास्टिंग कर रही है. इस कारण से दोनों ही बस्तियों में मौजूद घरों में दरारें आ गई है. वहां के लोगों को मजबूरन अपनी जान जोखिम में डालकर खतरे के साए में रहना पड़ रहा है. वहीं अगर बाल करें BCCL प्रबंधन की तो वह बस्ती वालों की बातें सुनने को तैयार ही नहीं है.
सरयू राय ने किया बस्तियों का दौरा
जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से JDU विधायक सरयू राय ने शुक्रवार 17 जनवरी धनबाद गए. इसके बाद उन्होंने रजक बस्ती और तिवारी बस्ती का दौरा किया. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए दोनों बस्तियों की हालत दिकाही. उन्होंने दिखाया कि कैसे नियमों का उल्लंघन करते हुए लगातार हिलटॉप आउटसोर्सिंग कंपनी ब्लास्टिंग कर रही है. इसके कारण दोनों ही बस्तियां तबाह हो रही है. दीवारों के साथ-साथ जमीन में भी दरारें साफ़ दिखाई दे रही है. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि ग्रामीणों की समस्याएं कोई नहीं सुन रहा है. BCCL भी नहीं सुन रहा है, ना ही जिला प्रशासन सुन रहा है और ना ही प्रदूषण नियंत्रक सुन रहे है. ब्लास्टिंग के कारण तिवार बस्ती के घरों के साथ-साथ जमीन में भी दरें आ गई है. वहीं रजक बस्ती तो पूरी तरह तबाह हो गई है. इस कारण से सारे बस्तीवासी परेशान है.
पहले भी हो चुका है खूनी संघर्ष
यह पहली बार नहीं है कि हिलटॉप आउटसोर्सिंग कंपनी के कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठे है. इससे पहले भी ऐसा हो चुका है. हिलटॉप आउटसोर्सिंग कंपनी ने बाघमारा के मधुबन थाना क्षेत्र में दीवार खड़ा किया था. ऐसे में इसे लेकर विवाद हो गया और यह विवाद हिंसक झड़प में बदल गया. हिलटॉप आउटसोर्सिंग कंपनी और रैयतों आमने सामने आ गए. इसमें जमकर खूनी संघर्ष हुआ. इसमें डीएसपी पुरुषोत्तम सिंह घायल हो गए थे. इस मामले में करू यादव को पुलिस ने बिहार के जमुई से गिरफ्तार किया था. ऐसे में अब हिलटॉप आउटसोर्सिंग कंपनी के कार्यप्रणाली को लेकर एक नया सवाल खड़ा हो गया है. इसमें उनके द्वारा नियमों का उल्लंघन करके लगातार ब्लास्टिंग की जा रही है. ऐसे में इसकारण से बस्तिओं का सतिव्य खत्म होने के कगार पर खड़ा है.