अमित कुमार/न्यूज़11 भारत
बिहार/डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में मारे गए इंटेलिजेंस ब्यूरो के एक अधिकारी मनीष रंजन रोहतास जिले के निवासी हैं. मनीष रंजन मूल रूप से जिले के करगहर थाना क्षेत्र अंतर्गत अरूहीं गांव के रहने वाले है और सासाराम के गौरक्षणी मोहल्ले में भी इनका एक निजी मकान है, जहां इनके चाचा-चाची रहते हैं. मनीष रंजन अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ कश्मीर घूमने गए थे, जहां आतंकवादियों ने पहलगाम में उन्हें बच्चों और पत्नी के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी.
वर्ष 2010 में हुई थी शादी
मनीष के चाचा आलोक कुमार ने बताया कि मनीष रंजन की शादी इलाहाबाद में वर्ष 2010 में हुई थी और इनका एक पुत्र और पुत्री है. उन्होंने बताया कि मनीष हैदराबाद में पदस्थापित थे और अपने माता-पिता के साथ बंगाल के झालदा में रहते थे. उन्होंने यह भी बताया कि घटना की जानकारी उन्हें बीती रात 9:00 बजे ही हो गई. जब वह टीवी पर आतंकियों के हमले की जानकारी मिली. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वह न्याय चाहते है और आतंकियों को खत्म कर देना चाहिए.
तीन भाइयों में थे सबसे बड़े
हैदराबाद में आईबी अधिकारी के रूप में कार्यरत मनीष रंजन तीन भाइयों में सबसे बड़े थे. एक भाई विनीत रंजन एक्साइज विभाग में अधिकारी हैं, जिनकी पोस्टिंग झारखंड में है और दूसरा भाई राहुल रंजन छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में फूड इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थापित है.
बंगाल में रहता है पूरा परिवार
मनीष के पिता मंगलेश मिश्रा एक सेवानिवृत्त शिक्षक हैं, जो बंगाल के पुरुलिया जिला अंतर्गत झालदा हाई स्कूल में पढ़ाते थे. मनीष अपने माता-पिता के साथ बंगाल में हीं रहते थे, लेकिन इनकी पोस्टिंग हैदराबाद में थी.
आतंकी हमले में मारे गए मनीष
हैदराबाद में तैनात आईबी अधिकारी मनीष रंजन अपने परिवार के साथ छुट्टी पर कश्मीर घूमने गए थे. परिवार और अन्य टूरिस्ट ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहे जाने वाले पहलगाम की बैसरन घाटी में थे, जब आतंकियों ने उन पर हमला किया.