न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः- एक सीईओ ने हाल ही में अपना लिंक्डइन पर एक पोस्ट कियाहै जिसको लेकर युवाओं के बीच एक बहस छिड़ गई है. उसने एक कॉलेज के कैंपस में 50 छात्रों के एक सवाल पूछा यह सवाल क्लास 5 के लेवल का था, इसमें से मात्र दो लोगों ने ही इस सवाल का जवाब दे सका. आज की जेनेरेशन डिजीटल दुनिया में आगे तो बढ़ रही है पर बेसिक स्कील्स से काफी दूर रह जा रही है. सीईओ के इस बयान के बाद पूरे देश में बहस छिड़ गई है.
क्या है Gen Z
Gen Z ऐसे युवा को कहते हैं कि 1990 के दशक के पहले और 2000 के दशक के शुरुआत मे जो भी बच्चा पैदा लिया हो. हाल ही में एक रिपोर्ट से पता चला है कि ऐसे युवा को अपने काम में रखने से कंपनियां बच रही है. तर्क येदियाजा रहा है कि ऐसे युवा बेपरवाह रवैये के हैं जिसकी काम कंपनी को रास नहीं आती.
हार्ड वर्क के जगह स्मार्ट वर्क में विश्वास
रिपोर्ट आने के बाद Gen Z ने भी अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया में रखा है, उनका कहना है कि जमाना काफी तेजी से बदल रहा है. इशके साथ ही काम करने के तरीकों में भी बदलाव आना चाहिए. आज के युवा हार्ड वर्क के जगह स्मार्ट वर्क में विश्वास रखते हैं. लेकिन आज की कंपनी हार्ड वर्क पर ही अपना काम कर रही है.
ये था सवाल
साईओ ने कॉलेज में सवाल किया कि अगर एक कार पहले 60 किमी की यात्रा 30 किमी/घंटा की स्पीड से और अगले 60 किमी 60 किमी/घंटा की स्पीड से तय करती है, तो उसकी औसत गति क्या होगी.
छिड़ गई बहस
कई युवक ने इसपर सहमति जताते हुए कहा है कि बेसिक मैथ्स और क्रिटिकल थिंकिंग जरूरी स्किल्स हैं. वहीं कुछ लोगों ने कहा कि क्या इस तरह के सवाल कंपनी में जॉब पाने के लिए जरुरी है. वहीं एक ने कहा कि आज के युवा को सोशल मीडिया में पकड़ तो जरुरी है लेकिन साथ ही एक बेलेंस्ड स्कील का भी होना उतना ही जरुरी है. वहीं कुछ लोगों ने कहा कि भले ये 5वीं की मैथ्स हो पर सवाल बड़ा ट्रिकी है, बहुतों को इसका जवाब नहीं मालूम होगा.