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रांची/डेस्क: कश्मीर में कड़ी सुरक्षा के बीच हो रही वार्षिक तीर्थयात्रा के पहले दिन (29 जून) 13,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने अमरनाथ गुफा मंदिर में दर्शन किया. 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर की यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था बालटाल और नुनवान स्थित दो आधार शिविरों से रवाना हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरनाथ यात्रा शुरू होने पर तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि बाबा बर्फानी के दर्शन करने से शिवभक्तों में असीम ऊर्जा का संचार होता है. वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार अमरनाथ की सुरक्षित, सुगम और सुखद तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
पहले दिन 13,736 तीर्थयात्रियों ने किया बाबा बर्फानी के दर्शन
अमरनाथ की यात्रा सुबह दो रास्तों से शुरू हुई. कश्मीर के अनंतनाग में 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक नूनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल में 14 किलोमीटर लंबा लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग से यह यात्रा शुरू हुई. यह यात्रा 52 दिनों तक चलेगी और 19 अगस्त को समाप्त होगी. पहले दिन 13,736 तीर्थयात्री बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे थे. इसमें 3,300 महिलाएं, 52 बच्चे, 102 साधु और 682 सुरक्षाकर्मी शामिल रहे, जो अलग अलग दोनों मार्ग से मंदिर पहुंचे थे.
सुरक्षा के कड़े इंतेजाम
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज कुमार सिन्हा द्वारा जम्मू के भगवती नगर स्थित यात्री निवास आधार शिविर से 4,603 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया गया. इस यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतेजाम किये गए हैं. यात्रा के मार्ग पर जम्मू कश्मीर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और अन्य अर्धसैनिक बलों के हजारों सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. साथ ही हवाई निगरानी भी रखी जा रही है. ओएनजीसी (ONGC) ने अमरनाथ के दो आधार शिविरों में 100 बिस्तरों वाले दो अस्पताल को स्थापित किया है. यह अस्पताल यात्रा के बाद भी चालू रहेंगे. बता दें कि पिछले साल 45 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ गुफा मंदिर में दर्शन किया था.