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रांची/डेस्कः- इस समय झारखंड में बड़ा सियासी घटनाक्रम देखने को मिला है, पुर्व सीएम हेमंत सोरेन के लिए चंपाई सोरेन ने अपना इस्तीफा दे दिया है और एक बार फिर से हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्मंत्री के पद पर विराजमान हो गए हैं. हेमंत सोरेन ने तीसरी बार झारखंड के सीएम के रुप में शपथ ली है. हेमंत के जेल से बाहर आने के बाद से ही चंपाई ने अपनी कुर्सी छोड़ हेमंत सोरेन को सौंप दिया है.
1991 में पहली बार निर्दलीय बने थे विधायक
बता दें कि हेमंत सोरेन ने जब चंपाई सोरेन को सत्ता सौंपी थी तो उसे कोल्हान का टाइगर के नाम से संबोधन किया था. चंपाई सोरेन सरायकेला खरसांवा जिले के जिलिंगोड़ा गांव के निवासी है, और हेमंत सोरेन परिवार के काफी करीबी बताए जाते हैं. झारखंड को अलग करने की लड़ाई में चंपाई सोरेन ने शिबू सोरेन के साथ मिलकर एक लंबी लड़ाई लड़ी थी. इस बीच जेएमएम का कई बार विभाजन भी हुआ पर चंपाई सोरेन शिबू सोरेन के साथ डंटे रहे. चंपाई सोरेन पहली बार 1991 में निर्दलीय के तौर पर विधायक चुने गए थे. इसके बाद वे जेएमएम में आ गए. 2000 में एक बार चंपाई को हार का सामना करना पड़ा था फिर 2005 से वे लगातार जीतते आ रहे हैं.
बीजेपी के सरकार में भी रह चुके हैं मंत्री
अर्जुन मुंडा के सरकार में झामुमों नेता चंपाई सोरेन को मंत्री भी बनाया गया था. उस दौरान चंपाई सोरेन 11 सितंबर 2010 से लेकर 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे थे. उसके बाद राष्ट्रपति शासन लग गया था. फिर हेमंत सोरेन की अगुवाई में झारखंड में जेएमएम की सरकार बनी उसमें चंपाई सोरेन को परिवहन मंत्री व खाद्य एंव आपुर्ति मंत्री बनाया गया था. 2019 में जब हेमंत की दूसरी बार सरकार बनी उस समय चंपाई सोरेन को अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री, परिवहन, अनुसूचित जनजाति, बनाया गया था. हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपाई सोरेन को सत्ता सौंपी गई थी. जेल से बाहर आने के बाद हेमंत एक बार फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री के रुप में तीसरी बार शपथ ले ली है.