प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: विधान सभा चुनाव 2024 के लिए हजारीबाग सदर विधान सभा की सीट काफी हॉट मानी जा रही है. यहां पर मुख्य रूप से भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं. लेकिन इस बार मजबूत निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में पूरी तरह से उतर चुके हैं. जिससे इस सीट पर मुकाबला नहीं महामुकाबला होने की उम्मीद है. हजारीबाग सदर विधान सभा से भाजपा की ओर से टिकट के कई दावेदार थे यही हाल कांग्रेस का भी था. भाजपा ने प्रदीप प्रसाद व कांग्रेस ने मुन्ना सिंह जैसे अनुभवी नेताओ पर दांव खेला है जिससे हज़ारीबाग़ सीट पर चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है.
प्रदीप प्रसाद वर्ष 2019 में विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा का दामन थामा था तब से वर्तमान समय तक भाजपा की सिद्धांतों और कार्यों को बखूबी निभाया वर्तमान समय में प्रदेश कार्य समिति के सदस्य के दायित्व को निभा रहे थे. वही मुन्ना सिंह भी कांग्रेस में पहले थे. बाद में बाबूलाल के जेवीएम में गए बाद में कांग्रेस का दामन जून 2023 में थाम लिया. दोनों एक दूसरे से भली भाति परिचित है और एक दूसरे के मजबूत पक्ष और कमजोर पक्ष को समझते और जानते है. इसलिए इस बार सदर विधान सभा की लड़ाई जबरदस्त होगी. ऊपर से निर्दलीय हर्ष अजमेरा, किशोरी राणा, उदय मेहता भी मैदान में तैयार है.
किशोरी राणा ने विस्थापन पर बहुत काम किया है. ग्रामीण क्षेत्रो में उनकी छवि साफ़ सुथरी है और पकड़ भी अच्छी है. ज्ञात हो की सदर विधान सभा सीट को भाजपा का सेफ सीट माना जाता है. लेकिन इस बार मुन्ना सिंह के कांग्रेस के टिकट पर ताल ठोकने से और किशोरी राणा व हर्ष अजमेरा के मैदान में आने से ये मुकाबला प्रदीप प्रसाद के लिए आसान नहीं होने वाला है. क्योकि कांग्रेस के पक्ष में स्वर्ण वोट और मुस्लिम मतदाता का वोट एकतरफा होने की उम्मीद है वही प्रदीप प्रसाद के पक्ष में ओबीसी और हिन्दू मतों का वोट जिसमे सभी जाती शामिल है उनका रुझान रहेगा.
जो जिसकी मतों में जितना सेंधमारी कर पाया पलड़ा उसी का भारी रहेगा. उसके बाद निर्दलीय से अगर कोई बढ़िया उम्मीदवार खड़ा हो गया तो उसके भी जितने के चांस बढ़ जायेंगे. हज़ारीबाग़ का सदर सीट इस बार खुले मैदान की तरह है. जो अच्छा दौड़ लगा पाने में सफल हुआ, उसकी नैया पार लग जाएगी. इस बार १०० प्रतिशत की गारंटी किसी भी उम्मीदवार की नहीं कही जा सकती. बहुत सालो के बाद सदर विधान सभा सीट पर ये देखने को मिल रहा है.
टिकट बटवारे के बाद भाजपा में भड़की बगावत की आग
बड़कागांव विधानसभा सीट रामगढ जिला के अंतर्गत जोड़ दिया गया है. हज़ारीबाग़ की दो सीट बरही और मांडू तो सही है लेकिन सदर विधान सभा और बरकट्ठा विधान सभा विधानसभा के लिए बीजेपी प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही घमासान मचने लग गया है. बगावत के सुर उठने लगे हैं. बरकट्ठा सीट से टिकट नहीं मिलने से निराश हुए दावेदार कुमकुम देवी तो रोने ही लग गए. उनके रोने का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है.बरकट्ठा की रामगढ़ सीट पर भी बगावत के आसार बन रहे हैं और कुमकुम ने चुनाव लड़ने की घोसना कर दी है.
सूचना है की भाजपा टिकट के प्रबल दावेदार हर्ष अजमेरा भी कार्यकर्ताओ की दबाव में निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है जो भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं हैं.
हर्ष अजमेरा ने अपने समर्थकों का आभार प्रकट किया और कहा है की आप सभी का स्नेह और समर्थन मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. मैं जनता की समस्याओं को गहराई से समझता हूं और उनके समाधान के लिए पूरी निष्ठा से काम करने का वादा करता हूं मैंने हमेशा यह कोशिश की है कि समाज के हर वर्ग की आवाज़ को सुना जाए और उनकी समस्याओं का समाधान खोजा जाए. आपके इस भरोसे ने मुझे और भी मजबूती दी है. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मैं आप सबों के आशीर्वाद से अवश्य चुनाव लड़ूंगा आप सबों का साथ विश्वास मेरे लिए काफी महत्पूर्ण है. ज्ञात हो की भाजपा ने जब से टिकट की घोषणा की है तब से ही कहीं खुशी तो कहीं गम वाले हालात हो गए थे. टिकट मिलने वाले नेताओं के खेमे में पटाखे छोड़े जाने लगे तो टिकट से वंचित रहे नेताओं के खेमों में चुप्पी छा गई.