न्यूज11 भारत
रांची: चाय दुनियाभर में सबसे ज्यादा पी जाने वाली ड्रिंक में से एक है. अगर आप भी हर दिन सुबह की शुरूआत चाय की चुस्की से लेते हैं, तो आज इस बात पर गर्व करने की जरूरत हैं. क्योंकि 21 मई को 'विश्व चाय दिवस' मनाया जाता हैं. आज का दिन चाय के शौक़ीन यानी चाय लवर्स का पसंदीदा दिन है. यह दिन चाय लवर्स को समर्पित है. इस मौके पर आज हम आपको अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस क्यों मनाया जाता है. इसके बारे में जानकारी देंगे.
अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस का इतिहास
सबसे पहले चाय का सेवन 5,000 साल पहले चीन में किया गया था. चीनी सम्राट शेन नुंग ने पहली बार इसका स्वाद चखा था. चाय को पहली बार 2737 ईसा पूर्व में चीन में खोजा गया था. इसके बाद अंग्रेजों ने पहली बार 1824 में भारत में चाय की फसल उगाने की शुरुआत की और इसके बाद से यह दार्जिलिंग, नीलगिरी और असम में उगाया जाने लगा. वर्तमान की बात करें तो आज भारत में कथित तौर पर 900,000 टन चाय का उत्पादन होता है. वहीं, कुछ कथाओं में ऐसा भी कहा जाता है कि बौद्ध भिक्षुों द्वारा चाय का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता था और यहीं से चाय की शुरुआत हुई. आज चाय किसी परिचय की मोहताज नहीं है. घरों और बजारों में चाय के कई प्रकार मौजूद हैं. जैसे- वाइट टी, ब्लैक टी, ग्रीन टी, ओलांग टी और हर्बल टी आदि. भारत में चाय का सबसे ज्यादा उत्पादन असम राज्य में किया जाता है.
चाय दिवस मनाने का उद्देश्य
आपको बता दें कि चाय दिवस मनाने का उद्देश्य है कि करोड़ों लोग चाय के व्यापार से जुड़े हुए हैं, चाय के बागान और चाय की पत्तियाँ चुनने, सुखाने वाले और चाय की पैकिंग करने वाले और चाय बनाकर बेचने वाले, ये सब चाय के बड़े व्यापार से जुड़े हुए हैं. उनके हितों की रक्षा और जागरूकता जरूरी है. इसी के चलते चायपत्ती की खपत और मांग बढ़ाने पर जोर डालने के लिए हर साल आज यानी 21 मई को 'अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस' के रूप में मनाया जाता है.
आखिर क्यों पहले 15 दिसंबर को मनाया जाता था अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस?
2 साल पहले तक 15 दिसबंर को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाता था. हालांकि अब 21 मई को मनाया जाने लगा है. इसके पीछे का कारण क्या है. आइए समझते हैं. इसके पीछे भारत का अहम योगदान है. पहले 2005 से 15 दिसंबर को हर साल अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाते रहे हैं. क्योंकि तब तक इसे संयुक्त राष्ट्र की ओर से मान्यता नहीं दी गई थी. इसके बाद भारत सरकार ने 2015 में आधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा. जिसके बाद से हर साल 21 मई को इसे मनाया जाने लगा.