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रांची/डेस्क: झारखण्ड राज्य बाल आयोग के सदस्य रूचि कुजूर और डॉ आभा वीरेंद्र अकिंचन ने अनुसूचित जन जाति आवासीय विद्यालय पिस्का, ओरमांझी का निरिक्षण किया. इस अवसर पर प्राचार्य आरती कुमारी, शिक्षिका बसंत बागे, सुगंध कुजूर, स्थानीय इचादाग़ मुखिया रीना देवी के साथ साथ ओरमांझी प्रखंड बीडीओ कामेश्वर बेदिया, सीओ उज्जवल मुर्मू, स्थानीय पूर्व मुखिया रामधन बेदिया, वार्ड सदस्य संजना मुंडा, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी हरिनाथ सिंह और स्थानीय लोग भी उपस्थित थे. सर्वप्रथम आयोग के सदस्य ने बच्चों से मुलाक़ात कर उनके शैक्षणिक स्तर को जाँचा. उन्हें पढ़ाया जाने वाला पुस्तक की जाँच किया, शिक्षक से सवाल जवाब किया.
आयोग ने पाया कि राजधानी के नजदीक हो कर भी आदिवासी जन जाति आवासीय विद्यालय में मुलभुत आवश्यकता भी नही पूरी हो रही है. सबसे पहले चाहरदिवारी टूटी हुई है जो बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी है. भोजन में सही आवंटन नही हो रहा, किचन रूम टूट चूका है. जहाँ खाना बन रहा वह भी बरसात में टपकता है. टंकी से नल में पानी नही आता, दूर चापानल से पानी लाना पड़ता है. बेड में चादर, मच्छड़ दानी की भारी कमी पाई गई. प्राचार्य, शिक्षिका नियमित नही रहते है. रात में एक कुक के भरोसे छात्र रहते है. स्थानीय ने बताया कि छात्र रात में बाजार में घूमते देखें जाते है. भोजन का मेनू सही से नही दिया जा रहा.
प्रखंड के पदाधिकारी पदस्थापन के बाद पहली बार दौर किया. बीडीओ कामेश्वर बेदिया ने कहा कि डीडीसी बात कर डीएमएफटी फण्ड से जल्द ही अनुसूचित जन जाति बालक आवासीय विद्यालय का ज़िर्णोद्धार किया जायेगा. जो कमी है आयोग के दौरा के बाद सुदृढ़ कर दिया जायेगा. आयोग ने देखा कि आवासीय विद्यालय के नजदीक ही पत्थर खनन और क्रशर कार्य हो रहा जो कहीं से उचित नही है और नियम विरुद्ध है. इस पर एनजीटी में लिखने की बात हुई.