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रांची/डेस्कः जनसभा को संबोधित करने के दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार हुए जयराम महतो के मामले में चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है. झारखंड चुनाव आयोग के रवि कुमार ने कहा है कि डिस्टिक एडमिनिस्ट्रेशन से जवाब तलब किया गया है उसके बाद नेगलिजेंस के तहत उनपर कार्रवाई होगी.
नामांकन के बाद पुलिस ने किया था गिरफ्तार
बता दें, यह पूरा मामला 1 मई की है जब जेबीकेएसएस की प्रत्याशी के रुप में जयराम महतो गिरिडीह लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे. खबर के अनुसार, जब जयराम महतो नामांकन पर्चा भर रहे थे तो समाहरणालय के दोनों ओर की गेट बंद की गई. वहीं जयराम महतो नामांकन पर्चा भरने के बाद डीसी ऑफिस से बाहर निकलने लगे लेकिन उन्हें वहां से निकलने नहीं दिया गया. जानकारी के लिए बता दें, रांची के नगड़ी थाना के डीएसपी और इंस्टपेक्टर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए बोकारो पहुंची थी. नामांकन दाखिल करने के बाद पुलिस ने जयराम को गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद जयराम महतो ने पुलिस को अपनी एक जनसभा को संबोधित करे के लिए अनुमित मांगी. जिसके लिए पुलिस ने उन्हें अनुमति दे दी. इस दौरान जयराम महतो ने कहा था कि वे जनसभा को संबोधित करने के बाद पुलिस के समक्ष सरेंडर कर देंगे लेकिन जनसभा को संबोधित करने के बाद जयराम महतो कहां गए..और कहां है इसकी खबर पुलिस को अबतक नहीं मिली है.
दो साल पुराने मामले में पुलिस ने जारी किया था वारंट
जयराम महतो की धर-पकड़ के लिए बोकारो पुलिस ने 1 मई को रातभर छापेमारी की. लेकिन जयराम महतो उन्हें नहीं मिले. अपनी छापेमारी कार्रवाई के दौरान पुलिस ने जयराम महतो के 6 समर्थकों को गिरफ्तार किया है. इन सभी पर जयराम महतो को जनसभा से भगाने का आरोप लगा है. आपको बता दें, विधानसभा घेराव से जुड़े दो साल पुराने इस मामले में रांची पुलिस ने जयराम महतो के खिलाफ वारंट जारी किया था. जिसके तहत उन्हें गिरफ्तार करने के लिए नगड़ी डीएसपी और इंस्पेक्टर बोकारो पहुंची थी. जयराम महतो का नाम नगड़ी थाना के केस संख्या 48/22 में नाम दर्ज है. हालांकि बुधवार रात लगातार छापेमारी करते हुए पुलिस ने जयराम के 6 समर्थकों को भी गिरफ्तार किया है.