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रांची/डेस्कः जमीन घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन द्वारा दायर याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है जिसे कोर्ट ने अबतक यानी कि करीब दो महीने बीत जाने के बाद भी अपना फैसला नहीं सुनाया है. इधर, हेमंत सोरेन द्वारा दायर याचिका पर सर्वोच्चतम न्यायालय में बीते 29 अप्रैल को सुनवाई हुई. यह मामला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की कोर्ट में सूचीबद्ध था जिसपर सुनवाई करते हुए अदालत ने ईडी को नोटिस जारी किया. वहीं कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 6 मई की तिथि निर्धारित की है.
मामले में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर आदेश भी अपलोड किया गया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में मामले विचाराधीन रहने के दौरान हाईकोर्ट अपना वह फैसला सुना सकता है. जिसे 28 फरवरी 2024 को सुनवाई के बाद कोर्ट द्वारा सुरक्षित रखा गया है. यानी कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुनाने के लिए झारखंड हाईकोर्ट पर कोई रोक नहीं लगाई है. बता दें, जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्ब्ल और अधिवक्ता पज्ञा सिंह बघेल ने बहस की.
बता दें, अपने अधिवक्ता के जरिए हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (क्रिमिनल एसएलपी) दाखिल कराई है. जिसका केस संख्या 5796/2024 है. कोर्ट में अपनी याचिका दाखिल करनेत हुए हेमंत सोरेन ने गुहार लगाई है कि झारखंड हाईकोर्ट में उनकी तरफ से दाखिल याचिका पर 28 फरवरी को ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है लेकिन अबतक करीब दो महीने बीत जाने के बाद भी कोर्ट ने अपना फैसला नहीं सुनाया है.
आपको बता दें, जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के क्रम ईडी ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को 31 जनवरी 2024 की देर शाम गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी के बाद ईडी ने उन्हें 13 दिनों के रिमांड पर लेकर मामले में पूछताछ की थी. फिलहाल हेमंत सोरेन न्यायिक हिरासत में होटवार जेल में बंद है. जमीन घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिग के इसी मामले में ईडी ने रांची के पूर्व डीसी औ निलंबित आईएएस छवि रंजन, बड़गाईं अंचलाधिकारी भानु प्रताप, अफसर अली, अंतू तिर्की, प्रियरंजन सहाय, विपिन सिंह और इरशाद समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया है.