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रांची/डेस्क: झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को लेकर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा दायर याचिका पर सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने याचिका पर प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद राज्य सरकार, यूपीएससी और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया. मामले की अगली सुनवाई 16 जून को होगी. इस मामले की सुनवाई जस्टिस एस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ कर रही है.
बाबूलाल मरांडी ने डीजीपी की नियुक्ति को बताया अवैध
बाबूलाल मरांडी ने डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट का अवमानना बताते हुए उसे अवैध करार दिया था. उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि डीजीपी की नियुक्ति यूपीएससी द्वारा अनुशंसित पैनल से होनी चाहिए थी, लेकिन हेमंत सरकार ने यूपीएससी को नजरअंदाज कर अपनी मर्जी से उन्हें डीजीपी बना दिया. बाबूलाल मरांडी ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि जब तक राज्य सरकार कोई नया कानून नहीं बनाती, तब तक यूपीएससी की प्रक्रिया से ही नियुक्ति होनी चाहिए.
बाबूलाल मरांडी का आरोप: डीजीपी थे चुनावी कदाचार में लिप्त
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया था कि अनुराग गुप्ता चुनावी कदाचार में लिप्त पाए गए थे और दो साल तक निलंबित भी रहे थे. उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी, और चुनाव आयोग ने उन्हें चुनावी कार्यों से दूर रखा था. इसके बावजूद सरकार ने एक विवादास्पद और दागी अधिकारी को डीजीपी बना दिया. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि हेमंत सरकार ऐसे अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त करके उन्हें बचाना चाहती है.