न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: झारखंड मुक्ति मोर्चा का 13वां महाधिवेशन आज से शुरू हो गया. 8 से अधिक राज्यों से पार्टी के 3500 से अधिक प्रतिनिधि इस महाधिवेशन में हिस्सा ले रहे हैं. 14 एवं 15 अप्रैल 2025 को खेलगांव स्थित टाना भगत इंडोर स्टेडियम में आयोजित इस महाधिवेशन में झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन, उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री की मां रूपी सोरेन खराब स्वास्थ्य के बावजूद हिस्सा ले रहीं हैं. मुख्यमंत्री खुद मोराबादी स्थित आवास जाकर अपने माता-पिता को साथ लेकर महाधिवेशन स्थल पहुंचे. इस कार्यक्रम में कल्पना सोरेन, बंसत सोरेन, मंत्री हफीजुल हसन, योगेंद्र महतो , सहित पार्टी के पदाधिकारी,सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं.
महाधिवेशन में कुल 16 प्रस्ताव पारित
महाधिवेशन में कुल 16 प्रस्ताव पारित हुए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से प्रवासी श्रमिकों का जिक्र, असम, ओडिशा और पश्चिम बंगाल पर नजरें, वक्फ पर राजनीतिक प्रस्ताव, आदिवासी अधिकारों पर बल देना शामिल है. महाधिवेशन में यह भी तय हुआ कि पार्टी पंचायत से लेकर लोकसभा तक हर स्तर पर भाजपा की असमानता और लोकतंत्र विरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ेगी.
अनगिनत शहादत के बाद मिला है राज्य: हेमन्त सोरेन
झामुमो के 13 वें केंद्रीय महाधिवेशन के दौरान अपने स्वागत भाषण में कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखण्ड के लिए अनगिनत लोग शहीद हुए हैं. आज हम उन्हें सभी का नमन करते है. झामुमो किसान, दलित, पिछड़ों का प्रतिनिधित्व करता रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे आज भी झारखण्ड आंदोलन की कुछ बातें याद है. जब गुरु जी का आंदोलन चल रहा था,उस वक़्त इनके साथ लोग इक्कठा होकर चलते थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग राज्य का आंदोलन लंबा चला और अनगिनत शहादत के बाद हमें अलग राज्य मिला.
वरिष्ठ विधायक स्टीफन मरांडी ने पढ़ा पार्टी का राजनीतिक प्रस्ताव
पार्टी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री स्टीफ़न मरांडी ने महाधिवेशन के दौरान राजनीतिक प्रस्ताव पढा. उन्होंने राजनीतिक प्रस्ताव में जातीय जनगणना का भी जिक्र किया. स्टीफन मरांडी ने राजनीतिक प्रस्ताव में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण, 1932 आधारित स्थानीय नीति, परिसीमन का विरोध करने का जिक्र किया. स्टीफन मरांडी ने राजनीतिक प्रस्ताव में कहा कि पार्टी वक्फ कानून के संशोधन के खिलाफ़ है. स्थानीय को प्राइवेट सेक्टर में 75% आरक्षण ,सरना धर्म कोड को देश का संसद मान्यता देने, जातिगत जनगणना राज्य समेत पूरे देश में कराया जाने का प्रस्ताव जेएमएम के राजनीतिक प्रस्ताव में शामिल है.