झारखंड सरकार के नए प्रतिक चिन्ह का अनावरण हो गया है, मोरहाबादी के आर्यभट सभागार में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने किया, कार्यक्रम में सीएम हेमंत सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, रामेश्वर उरांव, चम्पई सोरेन शामिल रहे साथ ही अन्य गणमान्य लोगों ने भी अपस्थिति दर्ज कराई...
क्या है नए Logo की खासियत
झारखंड के नये प्रतीक चिन्ह में राज्य की संस्कृति को दर्शाया गया है. हरा रंग हरियाली और वन-संपदा का प्रतीक है. 24 हाथी राज्य के ऐश्वर्य व प्रचुर मात्रा में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों को रेखांकित कर रहा है. 24 पलाश का फूल प्राकृतिक सौंदर्य का बोध कराता है. स्थानीय पर्व त्योहारों एवं जनजातीय कलाओं के जरिए कला-संस्कृति का परिचय दिया गया है. बीच में अशोक स्तंभ है.
झारखंड के नये प्रतीक चिन्ह् के लोकार्पण के अवसर पर राज्य के महान वीर सपूतों को नमन. राज्यवासियों को झारखण्ड के नए प्रतीक चिन्ह की बधाई. यह प्रतीक चिन्ह राज्य की पहचान और स्वाभिमान से जुड़ा है. इसमें राज्य की संस्कृति, प्राकृतिक खनिज संपदा को समाहित किया गया है, जो अद्भुत है. उपरोक्त बातें राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड के नये प्रतीक चिन्ह् के लोकार्पण के अवसर पर आर्यभट्ट सभागार में कही.
राज्यपाल ने कहा पूरा विश्व आज कोरोना संक्रमण के दौर से गुजर रहा है. राज्य में भी संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में जांच की गति को और बढ़ाना होगा, जिससे कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोका जा सके. मैं कोरोना योद्धाओं को नमन करती हूं, सम्मान करती हूं. जिनके सार्थक प्रयास से हम कोरोना के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहें हैं.
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि देश की आजादी में झारखण्ड के भूमि पुत्रों ने लंबा संघर्ष किया. हजारों वीरों ने अपनी कुर्बानी दी. आजादी के बाद से नए भारत के नवनिर्माण में झारखण्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यहां के श्रमिक अपने श्रम से अन्य राज्यों में समृद्धि ला रहें हैं. आदिवासी बहुल यह राज्य सदैव सामूहिकता में यकीन रखता है. राज्य का नया प्रतीक चिन्ह बदलाव का सारथी है. प्रतीक चिन्ह झारखण्ड की भावना को प्रतिविम्बित करता है.
●मुख्यमंत्री ने नए प्रतीक चिन्ह की खासियत से अवगत कराया...
★अशोक स्तंभ- राष्ट्र का प्रतीक चिन्ह होने के साथ राज्य की भी संप्रभुता का वाहक. इस चिन्ह को रेखांकित करने का तात्पर्य स्पष्ट. झारखण्ड भी है देश की समृद्धि में भागीदार. झारखण्ड के जीवन दर्शन को इसमें समेटा गया है.
★झारखण्ड का लोक जीवन व संस्कृति - झारखण्ड की समृद्ध एवं अद्भुत सांस्कृतिक विरासत, सदियों पुरानी परंपरा, वाद्ययंत्र, गीत और नृत्य की अमिट छाप को लोगों के जेहन में प्रतिबिम्बित करता है.
★पलाश के फूल- राज्य का राजकीय पुष्प. इसके सुर्ख लाल रंग के फूल झारखण्ड के सौंदर्य की गाथा कहते हैं. लाल रंग क्रांति का प्रतीक भी है जो यहां के लोगों के संघर्ष को दर्शाता है.
★हरा रंग- झारखण्ड की हरियाली से आच्छादित धरा व वन संपदा की परिपूर्णता को दर्शाता है. यह खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक.
★हाथी - राज्य के राजकीय पशु हाथी को दिखाया गया है. यह राज्य की अलौकिक प्राकृतिक संपदा और समृद्धि का घोतक है. हाथी अनुशासन प्रिय भी होते हैं. ऐसे ही यहां के लोग भी अनुशासन प्रिय हैं. हां छेड़छाड़ करने की स्थिति में संघर्ष में भी पीछे नहीं रहते.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, विधानसभा अध्यक्ष श्री रबिन्द्र नाथ महतो, राज्यसभा सांसद श्री शिबू सोरेन को राज्य का प्रतीक चिन्ह की तस्वीर भेंट स्वरूप दी.
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष श्री रबिन्द्र नाथ महतो, राज्यसभा सांसद श्री शिबू सोरेन, मंत्री श्री चम्पई सोरेन, मंत्री श्री बन्ना गुप्ता, मंत्री श्री सत्यानंद भोक्ता, मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, पुलिस महानिदेशक श्री एमवी राव, प्रधान सचिव श्रीमती हिमानी पांडे, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार श्री अभिषेक प्रसाद, मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव श्री सुनील श्रीवास्तव व अन्य उपस्थित थे.