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रांची/डेस्क: झारखंड सरकार बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री सारथी योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद रोजगार न मिलने की स्थिति में युवाओं को 1000 रुपये से लेकर 1500 रुपये हर माह बेराजगार युवाओं के लिए राज्य सरकार ने रोजगार के अवसर मुख्यमंत्री सरथी योजना शुरू करने जा रही हैं. झारखंड सरकार ने बेरोजगार युवाओं को आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण देकर आतक सहायता राशि दी जाएगी. योजना का लाभ सभी वर्गों के युवक-युवतियों को मिलेगा, ताकि वे अपनी आजीविका के लिए आत्मनिर्भर बन सकें. बता दें कि यह योजना 15 जुलाई को शुरू होने वाली थी, लेकिन कुछ अज्ञात वजहों से इसे स्थागित कर दिया गया. सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा अगली तारीख की घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी.
किससे मिलेगा इस योजना का लाभ?
बेरोजगार युवाओं को आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री सारथी योजना की शुरुआत की हैं. जिसका लाभ बेरोजगार युवक और युवतियां, ट्रांसजेंडर, सभी वर्गों के युवा (सामान्य, एससी, एसटी , ओबीसी), स्वारोगार या नौकरी के इच्छुक युवाओँ को मिलेगा.
कितना मिलेगा सहायता राशि?
इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा युवतियों और ट्रांसजेंडर के लिए 1500 रूपए और युवकों के लिए 1000 रूपए डीबीटी के जरिए सहायता राशि दिए जाएंगे.
इस योजना के लिए पात्रता
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक झारखंड राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए.आवेदक की आयु 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए. आवेदक बेरोजगार होना चाहिए और किसी अन्य सरकारी बेरोजगारी भत्ता योजना का लाभ नहीं ले रहा हो. और आवेदक स्नातक या स्नातकोत्तर पास होना चाहिए.
क्या है मुख्यमंत्री सारथी योजना
मुख्यमंत्री सारथी योजना झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य राज्य के बेरोजगार युवाओं को उद्योगों की जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण देकर रोजगार योग्य बनाना है. इस योजना का उद्देश्य प्रतिभाशाली युवाओं को निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके नौकरी और स्वरोजगार के अवसरों से जोड़ना है. योजना के तहत बिरसा केंद्र (ग्रामीण कौशल अधिग्रहण के लिए ब्लॉक स्तरीय संस्थान) की सहायता से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. युवाओं को कंप्यूटर कोर्स, सिलाई प्रशिक्षण, सॉफ्ट स्किल्स इंडस्ट्री बेस्ड स्किल ट्रेनिंग आईटी संबंधित जैसे विभिन्न कौशल कार्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि उन्हें रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जा सके.