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मधुपुर/डेस्क: बुधवार (23 अगस्त) को भारत ने इतिहास रच दिया, जब चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग किया. यह प्रयास न केवल भारत की शानदार उपलब्धि को दर्शाता है, बल्कि इसने पूरे विश्व वैश्विक समुदाय का ध्यान भी आकर्षित किया है. चंद्रयान-3 मिशन के सफल लैंडिंग ने जहां पूरे विश्व में भारत का गौरव बढ़ाया है. वहीं, चंद्रयान- 3 की वैज्ञानिक टीम में शामिल झारखंड के देवघर जिले के मधुपुर के पाथरोल स्थित लेडवा गांव निवासी निशांत कुमार ने भी मधुपुर सहित झारखण्ड का मान बढ़ाया है.
आपको बता दें, चंद्रयान-3 अभियान में ISRO के वैज्ञानिकों के साथ मधुपुर का एक बेटा भी शामिल रहा है. मधुपुरवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि जिस उद्देश्य से चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंडिंग किया है. उन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के वैज्ञानिकों ने जी-जान से मेहनत की है. इस काम में अवकाश प्राप्त शिक्षक व्यास प्रसाद भोक्ता के पुत्र निशांत कुमार भी बतौर वैज्ञानिक मिशन में शामिल है. इस गौरवपूर्ण उपलब्धि से निशांत के परिजनों समेत मधुपुर अनुमण्डल में गौरवान्वित हैं.
निशांत ने मधुपुर से पूरी की अपनी प्रारंभिक शिक्षा
निशांत कुमार की प्रारंभिक शिक्षा मधुपुर के पाथरोल मध्य विद्यालय में हुई है. बचपन से ही निशांत की रुचि विज्ञान के क्षेत्र में थी. उन्होंने मधुपुर अनुमण्डल के पाथरोल मध्य विद्यालय में कक्षा 7 तक की पढ़ाई की है. उसके बाद उतरप्रदेश के गोरखपुर से अपने चाचा के यहां रहकर मैट्रिक की परीक्षा पास किया. जबकि साइंस से इंटरमीडिएट की पढ़ाई महात्मा गांधी कॉलेज गोरखपुर पूरा करने के बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग पढ़ाई के लिए आगरा से Btech किया. इसके बाद IIT मुंबई से एमटेक की पढ़ाई पूरा किया. इसके बाद 2006 में बंगलौर में ISRO में वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत है. तीन माह पूर्व निशांत को ISRO के द्वारा युवा वैज्ञानिक पुरस्कार भी दिया गया है. चन्द्रयान-3 की सफल लैंडिग में पाथरोल के लेडवा के लाल के टीम में शामिल होने पर पूरे गांव में हर्ष का माहौल है.
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चंद्रयान-3 की टीम में झारखंड के दो और लाल भी है शामिल
झारखंड के धनबाद के दो लाल भी चंद्रयान-3 टीम में भी शामिल रहे. सूरज कुमार और भरत कुमार ने भी अपने अचीवमेंट से पूरे देश का मान बढ़ाया है. सूरज कुमार राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर के 2011 बैच के पूर्ववर्ती छात्र हैं. स्कूल के बाद सूरज ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नालॉजी में दाखिला लिया. जहां भी वे टॉपर रहे. सूरज वर्तमान में इसरो में एसडी के पद पर कार्यरत हैं. वहीं, भरत कुमार आईआईटी आईएसएम, धनबाद के 2018 बैच के छात्र रहे हैं. उनकी प्रारांभिक स्कूलिंग केंद्रीय विद्यालय भिलाई से हुई थी. वे बचपन से ही इंजीनियर बनना चाहते थे. जिसके बाद तैयारी कर उन्होनें IIT धनबाद में प्रवेश पाया. दोनों हीं बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके शुरुआती दौर में किए गए संघर्ष और कड़ी मेहनत की बदौलत आज इन्होनें ये मुकाम हासिल किए है. उनकी इस सफलता से आज पूरा देश गौरवान्वित महसूस कर रहा है.