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रांची/डेस्क: दुमका जिले में इन दिनों बच्चा चोरों के आने की अफवाह ने हड़कंप मचा दिया है. इस अफवाह के चलते ग्रामीणों में भय का माहौल बन गया है, और कई निर्दोष लोग संदेह का शिकार हो रहे हैं. दुमका के काठीकुंड, शिकारीपाड़ा, मसानजोर और मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कई गांवों में यह अफवाह तेजी से फैली कि बच्चा चोरों का गिरोह बच्चों को किडनैप कर रहा है. इसके बाद कई ग्रामीण रात के वक्त लाठी-डंडा लेकर निकल पड़े, और कई अजनबी निर्दोष लोग इस अफवाह का शिकार हो गए.
मुख्य घटनाएँ:
- काठीकुंड में बोलेरो सवार पांच लोग बंधक:
भागलपुर के सन्हौला से तारापीठ जा रहे पांच लोग (राजकुमार चौधरी, सिकंदर वर्मा, नरेंद्र चौधरी, सुधांशु कुमार झा और चालक मो. मनीर) काठीकुंड के चिरुडीह गांव में बच्चा चोर होने के संदेह में ग्रामीणों द्वारा बंधक बना लिए गए. हालांकि, उन्हें आंगनबाड़ी केंद्र में रखा गया, लेकिन मारपीट नहीं की गई. पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुँचकर स्थिति को संभाला और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर पांचों को सुरक्षित रवाना किया. आसपास के गांवों से जुटी भीड़ ने हंगामा करने की कोशिश की, लेकिन चिरुडीह के ग्रामीणों ने बाहरी लोगों को भगाकर मामला शांत किया.
रानीश्वर में एक व्यक्ति को बिजली के खंभे से बाँधा:
रानीश्वर प्रखंड के आसनबनी पंचायत के पहाड़िया टोला में रविवार रात एक व्यक्ति को चोर समझकर ग्रामीणों ने बिजली के खंभे से बांध दिया. यह व्यक्ति स्थानीय निवासी और पेशे से हाईवा चालक निकला. पुलिस ने उसे परिजनों के हवाले कर दिया और इस बार ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना देकर कानून हाथ में लेने से परहेज किया.
अन्य क्षेत्रों में अफरा-तफरी:
रानीश्वर के मुर्गाबनी, बोरा डंगाल, गिरीपुर, कुकडीभाषा, और लकड़ाघाटी जैसे गांवों में रविवार रात चोरों के गांव में घुसने की अफवाह फैली. लोग पारंपरिक हथियार लेकर रात भर खेत-खलिहानों में कथित चोरों की तलाश करते रहे, लेकिन कोई संदिग्ध नहीं मिला.
अफवाह का प्रभाव:
दुमका के काठीकुंड, शिकारीपाड़ा, मसानजोर, मुफस्सिल और रानीश्वर जैसे क्षेत्रों में यह अफवाह फैली कि बच्चा चोरों का गिरोह बच्चों को उठा रहा है. इस अफवाह ने ग्रामीणों को अजनबियों के प्रति संदेहपूर्ण बना दिया है, और कई मामलों में हिंसक प्रतिक्रिया सामने आई है.
हालांकि,अभी तक पुलिस को इस हत्याकांड से जुड़ा कोई ठोस सबूत नहीं मिला है, जो यह साबित करता हो कि यह केवल अफवाह है.
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया:
एसपी की अपील: दुमका के एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने स्पष्ट किया कि बच्चा चोरों के आने की खबर पूरी तरह अफवाह है. उन्होंने लोगों से अपील की, "ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें और दूसरों को भी जागरूक करें. संदिग्ध दिखने पर पुलिस को सूचित करें (112 पर कॉल करें), न कि कानून अपने हाथ में लें. अफवाह फैलाने या कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."
जागरूकता अभियान: थाना स्तर पर शांति समिति की बैठकें आयोजित की जा रही हैं ताकि लोग अफवाहों से बचें और शांति बनाए रखें.
सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू:
डर का माहौल: बच्चा चोरी जैसी अफवाहें ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैलती हैं, क्योंकि यह बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी होती है. दुमका में भी यही हुआ.
अजनबियों पर संदेह: इस अफवाह ने अजनबियों के प्रति अविश्वास को बढ़ा दिया है, जैसा कि काठीकुंड में बाहर से आए लोगों और रानीश्वर में एक स्थानीय युवक को संदेह का शिकार बनाना इसका उदाहरण है.
सोशल मीडिया की भूमिका: इस तरह की अफवाहों में सोशल मीडिया की भूमिका अहम होती है. पुलिस लगातार ऐसे यूजर्स की पहचान कर रही है, जिन्होंने इन अफवाहों को फैलाने में योगदान दिया.
इस अफवाह ने दुमका में भय और अविश्वास का माहौल बना दिया है, जिससे कई निर्दोष लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं. पुलिस और प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुटे हैं, लेकिन इस घटना ने ग्रामीणों के बीच भय और संदेह का माहौल उत्पन्न कर दिया है.