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रांची: झारखंड के असंगठित क्षेत्र में कार्यरत ऐक्टू से जुड़े झारखंड निर्माण मजदूर यूनियन और जनरल मजदूर यूनियन के राज्य स्तरीय पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक आज महेंद्र सिंह भवन रांची में सम्पन्न हुई. बैठक में रांची,रामगढ़, कोडरामा, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो, लोहरदगा, गुमला, लातेहार,देवघर समेत कई जिलों के यूनियन के नेतागण शामिल हुए. श्रम कानूनों में संशोधन और मजदूरों पर उसके दुष्प्रभाव पर विस्तृत रुप से चर्चा हुई. किसान आंदोलन की एतिहासिक जीत के बाद अब लेबर कोड वापस लेने की मांग जोर पकड़ने लगी है. अब देश के मजदूर वर्ग के आंदोलन की जीत की बारी है. मजदूर वर्ग के आंदोलन को धारदार बनाने के लिए 10 दिसंबर 15 जनवरी तक सदस्यता आभियान चलाकर व्यापक मजदूरों को जोडने का निर्णय लिया गया. झारखंड के सभी असंगठित मजदूरों का जिला और राज्यस्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. झारखंड देश के मजदूर आन्दोलन का गढ़ बनेगा. दो महीने के भीतर केंद्र सरकार मजदूर विरोधी लेबर कोड वापस नहीं लेती है तो फरवरी महीने में देशव्यापी आन्दोलन के लिए मजदुर बाध्य होगें. बैठक को संबोधित करते हुए माले राज्य सचिव मनोज भक्त ने कहा कि श्रम कानूनों में संशोधन से मजदूरों की बचीखुची अधिकार भी छीन जाएगा. गुलामी की दस्तावेज लेबर कोड झारखंड के मजदूरों को मंजूर नहीं है. एक्टू के प्रदेश महासचिव शुभेंदु सेन ने कहा कि किसानों की जीत हमारी है अब मजदूरों की बारी है .
बैठक में भुवनेश्वर केवट, दुलाल चंद्र प्रमाणिक ,भुनेश्वर बेदिया, राजेश यादव,उमेश राम , संदीप कुमार ,भीम साहू ,सुरेंद्र प्रसाद यादव , लालमोहन मुंडा महेंद्र लक्षण बेदिया, सुखदेव उरांव, जितेंद्र शर्मा ,किशोर पंडित ,मोहम्मद फरीद, तुलसी कुमार राणा, मनोवर अंसारी , समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे.