न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः 25 मई (शनिवार) को झारखंड की जिन चार लोकसभा सीटों पर वोटिंग होने जा रही है जिसमें से एक गिरिडीह लोकसभा सीट है. इस सीट पर राष्ट्रीय दल का कोई भी उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं है यानी नेशनल पार्टी का कोई प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ रहा है. एनडीए और I.N.D.I.A. दोनों गठबंधन ने अपने-अपने उम्मीदवार दिए हैं, लेकिन दोनों ही गठबंधन ने क्षेत्रीय दल के उम्मीवार इस सीट पर उतारे हैं. चुनाव के लिए गिरिडीह, टुंडी, बेरमो, गोमिया, बाघमारा और डुमरी में कुल 2160 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जहां 25 मई को पहुंचकर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
दो क्षेत्रीय दल आजसू और जेएमएम में सीधी टक्कर
बीजेपी-आजसू के गठबंधन एनडीए ने आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी को फिर से चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और वामदलों के गठबंधन I.N.D.I.A. ने जेएमएम के मथुरा प्रसाद महतो को अपना प्रत्याशी बनाया है. दोनों ही राष्ट्रीय दल नहीं हैं. इनके अलावे जयराम कुमार महतो के प्रदर्शन पर भी सबकी निगाहें रहेगी. कहा जा रहा है कि जयराम महतो की वजह से यहां हार जीत पर फर्क पड़ सकता है. गिरीडीह लोकसभा सीट में कुल 16 उम्मीदवार चुनावी जंग में उतरे है इसमें 3 महिला उम्मीदवार भी अपनी किस्मत अजमा रहे है. सभी महिलाएं निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं. इन सबके बीच चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर पर चुनाव के प्रचार प्रसार में लगे हुए है.
इस संसदीय क्षेत्र में आते हैं 6 विधानसभा सीटें
आपको बता दें, इस लोकसभा सीट में गिरिडीह, धनबाद और बोकारो जिले की 6 विधानसभा सीटें आती है इनमें से 3 विधानसभा सीट पर जेएमएम और एक-एक पर कांग्रेस, बीजेपी और आजसू का कब्जा है. यह क्षेत्र दुर्गम पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा हुआ है इस क्षेत्र पर मगल सम्राटों का भी शासन रहा है. यह क्षेत्र अब्रक और कोयला जैसे खनिज उत्पादन के लिए जाना जाता है
16 लाख 49 हजार 413 वोटर करेंगे वोट
कुर्मी बहुल गिरिडीह लोकसभा सीट पर अबतक कुर्मी वोटर ही जीत और हार तय करते रहे हैं. मगर इस 3 कुर्मी नेताओं के मैदान में उतरने से किसी एक उम्मीदवार को अपनी जाति का एकमुश्त वोट मिल पाना मुश्किल साबित होता नजर आ रहा है. ऐसे में दूसरे जातीय समूहों की गोलबंदी और समर्थन के आधार पर बनने वाले समीकरणों के निर्णायक होने की उम्मीद जताई जा रही है. ऐसे में ब्राह्मण और भूमिहार वोटर बड़ा फैक्टर साबित हो सकते हैं. गिरिडीह में सबसे ज्यादा 19 फीसदी कुर्मी, 17 फीसदी मुस्लिम, 15 फीसदी आदिवासी और 11 फीसदी एससी वोटर हैं. लेकिन गिरिडीह लोकसभा सीट में उतरे 16 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 25 मई को इस लोकसभा क्षेत्र के 16 लाख 49 हजार 413 वोटर करेंगे.