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रांची/डेस्कः फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर बंगाल रजिस्ट्री कार्यालय से रांची में जमीन बिक्री करने वाले एक जमीन कारोबारी को CID ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार जमीन कारोबारी का नाम अशोक सिंह है जिसे सीआईडी ने 9 जुलाई (मंगलवार) को गिरफ्तार किया है. मामले में कार्रवाई करते हुए सीआईडी ने अशोक सिंह के साथ 3 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है. जिसमें समीर, चंद्रशेखर और अभिषेक के नाम शामिल हैं इधर, इस संबंध में जानकारी देते हुए CID DG अनुराग गुप्ता ने बताया कि जमीन कारोबारी अशोक की गिरफ्तारी के बाद इस पूरे मामले में जांच की जा रही है.
पिठोरिया थाना में सुशांत घोष ने दर्ज कराई प्राथमिकी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बंगाल के पावर को आधार बनाकर जिस जमीन की खरीद-बिक्री हुई है वह भूखंड राजधानी रांची के पिठोरिया के जमीन जमुआरी मौजा में है. इसका खाता नंबर 10, 11, 33, 29 है जबकि प्लॉट नंबर 138, 139, 140, 142, 160, 161 और 162 हैं. सुशांत घोष नामक व्यक्ति ने इस जमीन पर खुद का मालिकाना हक बताते हुए इस सभी पर पिठोरिया थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाई है. वहीं सीआईडी ने पिठोरिया थाना में दर्ज प्राथमिकी को टेकओवर करते हुए जांच शुरू कर दी हैं.
फर्जी व्यक्ति का प्रयोग करके ली पावर ऑफ एटोर्नी
सुशांत घोष द्वारा पिठोरिया थाने में दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि साजिश के तहत विमल सिंघानिया ने प्रशांत घोष की जगह किसी अन्य फर्जी व्यक्ति का प्रयोग करते हुए उनके भूखंड का पावर ऑफ एटॉर्नी ले ली है. प्रशांत घोष के जमीन की उसके आधार पर ही खरीद-बिक्री की गई है. रांची स्थित जमीन की पावर ऑफ एटॉर्नी चौबीस परगना, पश्चिम बंगाल की रजिस्ट्री दफ्तर में 19 अप्रैल 2023 को हुई है. जिसका नंबर 160400155 उपलब्ध है.
खारिज कर दिया गया म्यूटेशन का आवेदन
दरअसल, जमीन की रजिस्ट्री 9 मई 2023 कर दी गई है लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि रांची के व्यक्ति ने बंगाल में हुए पावर ऑफ एटॉर्नी की पहचान की है. वहीं जमीन की खरीदारी के पश्चात उसपर एक बड़ी बाउंड्री खड़ी कर दी गई है. इतना ही नहीं म्यूटेशन के लिए आवेदन भी दे दिया गया था लेकिन इसपर सुशांत घोष (प्रशांत घोष के भाई) की आपत्ति के बाद म्यूटेशन का आवेदन खारिज किया गया.