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रांची: पुलिस और इडी की पकड़ से फरार चल रहे सौ करोड़ एक लाख मिड डे मील घोटाले के आरोपी संजय तिवारी ने ईडी कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. मालूम हो कि इडी ने बीते शनिवार को ही आरोपी संजय के घर छापेमारी की थी. इसके बाद मामले से फरार चल रहे संजय ने ईडी कोर्ट में खुद को सरेंडर कर दिया. इसके बाद संजय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
संजय के खिलाफ 31 मार्च को ईडी ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. वहीं संजय के फरार होने के बाद इडी ने उसके घर और संभावित ठिकानों पर छापेमारी भी की थी. अपनी गिरफ्तारी और मामले के और संगीन होने के डर से आरोपी ने खुद को अदालत के समक्ष सरेंडर कर दिया है. इसके साथ ही मिड डे मील घोटाले के आरोपी संजय तिवारी को न्ययिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. बताते चलें कि सौ करोड एक लाख के इस मिड डे मील घोटाले का मामला 6 साल पुराना है.
इस मामले में मेसर्स भानु कंस्ट्रक्शन के कर्मी राजू वर्मा को ईडी ने पटना से 30 नवंबर को गिरफ्तार किया था. 8 दिनों तक रिमांड पर लेकर ईडी ने राजू वर्मा की पूछताछ चली थी. इसी पूछताछ में मिड डे मील घोटाला का खुलासा हुआ था. साथ ही बताते चलें कि बीते शनिवार को रांची में इडी ने 100 करोड़ के मिड डे मील घोटाले के मुख्य आरोपी संजय तिवारी के ठिकाने पर छापेमारी की थी. संजय कुमार तिवारी भानु कंस्ट्रक्शन के संचालक है.
वहीं इस मामले में ईडी ने उसे पूर्व में भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था. बावजूद इसके वह जमानत पर बाहर आ गया था और उसके बाद से ही फरार चल रहा है. इधर इस घोटाले को लकर PMLA की विशेष कोर्ट ने शुक्रवार को उसके खिलाफ वारंट भी जारी किया था. इसके बाद अब ईडी ने कोर्ट से वारंट ले लिया है. आरोपी के खिलाफ वारंट मिलने के बाद एजेंसी संजय तिवारी को कभी भी गिरफ्तार कर सकती थी. यहां आपको मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने संजय तिवारी को प्रोविजनल बेल दी थी और अब इस बेल की अवधी खत्म हो गयी है.
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने ताबड़तोड़ ठापेमारी कर संजय के सभी ठिकानों पर दबिश बनाने लगी. बता दें जमानत की अवधि खत्म होने के बाद भी संजय तिवारी ने कोर्ट के समक्ष सरेंडर नहीं किया था. साथ ही संजय पर आरोप है कि मिड डे मील के करीब 100 करोड़ एसबीआई धुर्वा ब्रांच से भानू कंस्ट्रक्शन के 34 खातों में अवैध तरीके से स्थानांतरित कर दिये गये थे.
वहीं इस मामले को लेकर पहले धुर्वा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. बाद में मामले की जांच सीबीआई ने अपने हाथ ले ली. मालूम हो कि वर्ष 2021 में ईडी ने कांड संख्या ECIR 3/2021 दर्ज कर केस को अपने अधीन ले लिया. संजय तिवारी के साथ राजू वर्मा और सुरेश कुमार भी इस केस में अभियुक्त हैं. बता दें इडी ने वारंट के लिए आवेदन देने के साथ ही सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की थी. इसमें संजय तिवारी द्वारा फर्जी दस्तावेज के आधार पर कोर्ट को धोखा देने का उल्लेख किया गया था.
वहीं 100 करोड़ के मिड डे मील घोटाले के आरोपी संजय तिवारी के अरगोड़ा स्थित आवास पर शनिवार को इडी ने छापा तो मारा, लेकिन वह नहीं मिला. वहीं संजय ने अपना मोबाइल फोन भी बंद कर रखा था. इडी के अनुरोध पर पीएलएल कोर्ट ने 31 मार्च को ही उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. वहीं इडी की ओर से दायर किए गए रिपोर्ट में कहा गया था कि घोटाले के अभियुक्त संपत्ति बेच कर बैंक का 16.35 करोड़ रुपये लौटाने के नाम पर सुप्रीम कोर्ट से दो दिनों की अंतरिम जमानत लेने में सफल रहा था.
इधर जांच में पाया गया कि उसने रांची स्थित जिस फ्लैट को 70 लाख में बेचकर पैसा जमा करने की बात कही थी, वह फ्लैट संजय तिवारी के बदले प्रवीण कुमार सिन्हा का है. वहीं इस केस में रिम्स चिकित्सा अधीक्षक की शिकायत पर मिड डे मिल घोटाले के आरोपी संजय तिवारी पर फर्जी कोविड रिपोर्ट बनवाने के आरोप में बरियातू थाना में केस दर्ज लिया गया है.
इस पूरे मामले में रिम्स अधीक्षक ने पुलिस को बताया है कि संजय तिवारी की ओर से रिम्स माइक्रोबायोलॉजी विभाग के नाम से फर्जी कोविड टेस्ट रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत की गयी है. इसके अलावा माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष ने भी रिपोर्ट को फर्जी बताया है. पुलिस लगातार संजय की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर ही रही थी कि संजय ने स्वयं की ईडी की अदालत में खुद को सरेंडर कर दिया. अब संजय को पिमांड पर लेकर पुलिस जांच को आगे बढ़ाएगी.