गौरब पाल/न्यूज़11 भारत
बहरागोड़ा/डेस्क: बाहरागोड़ा प्रखंड के बरसोल क्षेत्र में कई हिस्सों पर गरमा धान की फसलें पक कर तैयार हो जाने से गुरुवार मशीन द्वारा धान की कटाई शुरू हो गई. किसानों ने कहा गरमा प्रजाति की धान फसल पककर तैयार हो गई है. मौसम बिगड़ने के डर से किसान जल्दी-जल्दी फसल कटाई कर धान बेचने में लगे हुए हैं. कई किसानों का कहना है कि इस बार समय पर एवं पर्याप्त बरसात होने से फसल से अच्छी पैदावार मिल रही है. हालांकि किसानों को पिछले कई दिन से आसमान में छाए बादलों व हल्की बूंदाबांदी से तैयार फसल को लेकर चिंता हो गई थी. क्योंकि अगर पकी हुई फसलों को ओला बारिश और आंधी का सामना करना पड़े फसलों को काफी नुकसान सहना पड़ता है. इसीलिए जितनी जल्दी हो सके मशीन द्वारा फसलों को काटकर घर ले जाया जाता है. किसानों ने ऐ भी कहा कि कटी फसल पर बरसात हुई तो धान का दाना काला पड़ सकता है. ऐसा हुआ तो धान का मूल्य काफी कम हो जाता है. इसलिए तमाम किसान जल्दी फसल काटकर घर ले आते हैं.
महिला मजदूर के अलवा मशीन द्वारा धान कटाई करने से मुनाफा ज्यादा:
बरसोल के किसानों रिंकू प्रधान, अमरेश प्रधान, जोतिलाल पाईकिरा, शामल प्रधान, नीलेश दास, नारायण राणा, रतन पाल आदि का कहना है कि मशीन द्वारा फसल को घर तक लाने में 1 बीघा धान कटाई करने के लिए 15 से 20 मिनिट समय लगता है, जिसमें 13,00 रु लगता है. वही 1 बीघा धान अगर महिला मजदूर दारा काटा जाता है. तब 10 महिला मजदूर लगेगें उसके बाद धान को बंध कर फिर घर लाने के लिए भी ख़र्चा होता है. इस परिस्थिति में धान को घर तक लाने के लिए 1 बीघा में लगभग 1800 से 2100 रु लगता है. कुल मिलाकर देखा जाये तो मशीन में धान कटाई करने में मुनाफा ज्यादा होता है.