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रांची/डेस्क: झारखंड के पैनम कोल माइंस द्वारा अवैध कोयला खनन के चलते 600 करोड़ के राजस्व के नुकसान का मामला अब हाई कोर्ट में गहराता जा रहा हैं. राज्य सरकार की ओर से इस मामले में उठाए गए कदमों से असंतुष्ट हाईकोर्ट ने अब इस केस की जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों से करवाने का इशारा दिया हैं. इस मामले पर अगली सुनवाई कल यानी 19 फरवरी को होगी, जो कि महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं. हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस नवनीत कुमार की बेंच ने पहले ही कहा है कि इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की जा सकती है क्योंकि प्रथम दृष्टया इस घोटाले में गंभीर अनियमितताएं प्रतीत हो रही हैं.
बता दे कि, 2015 में पैनम कोल को पाकुड़ और दुमका जिलों में कोयला खनन की लीज दी गई थी लेकिन आरोप है कि कंपनी ने इस लीज से अधिक खनन किया, जिसके कारण राज्य को लगभग 600 करोड़ रूपए का राजस्व नुकसान हुआ हैं. यह मामला अब जनहित याचिका के रूप में कोर्ट में पहुंचा है, जिसे अधिवक्ता रामसुभग सिंह ने दायर किया हैं.