अमित दत्ता/न्यूज़11 भारत
पटना/डेस्क: संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से कलिंगा भारती फाउंडेशन द्वारा धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को ऐतिहासिक रूप से मनाने की भव्य तैयारी चल रही है. 11 मई 2025 को मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में आयोजित इस समारोह को गौरव दिवस के रूप में पूरे सम्मान और गर्व के साथ मनाया जाएगा.
इस ऐतिहासिक आयोजन में झारखंड के महामहिम राज्यपाल संतोष गंगवार मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे. साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी आमंत्रित किया गया है. राष्ट्रपति के आगमन को लेकर आधिकारिक पुष्टि जल्द की जाएगी. आयोजन समिति इस कार्यक्रम को झारखंड के अस्मिता, संस्कृति और आदिवासी गौरव के प्रतीक धरती आबा बिरसा मुंडा को समर्पित करने जा रही है.
इसी क्रम में आज कलिंगा भारती फाउंडेशन तथा आयोजन समिति के अध्यक्ष सह संयोजक डॉ. राजाराम महतो के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल बिरसा मुंडा के पैतृक गांव उलिहातू पहुंचा. जहां उन्होंने धरती आबा बिरसा मुंडा के वंशजों, सुखराम मुंडा, जंगल मुंडा, कानू मुंडा एवं उनके परिजनों को ससम्मान आमंत्रण पत्र सौंपा. वंशजों को साड़ी, धोती और साल भेंट कर सम्मानित किया गया तथा उन्हें 11 मई को होने वाले गौरव दिवस समारोह में सपरिवार सम्मिलित होने का आग्रह किया गया. वंशजों ने भी कार्यक्रम में अपनी गरिमामयी उपस्थिति का वादा किया.
इस अवसर पर डॉ. महतो ने कहा कि "बिरसा मुंडा के जो अधूरे सपने थे, जैसे - आदिवासी बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं का सुलभ होना, आवास सुविधा का विस्तार - इन सभी कार्यों को पूरा करने के लिए हम झारखंड सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक आवाज उठाएंगे." उन्होंने कहा कि धरती आबा का सपना आज भी अधूरा है, और हमारी जिम्मेदारी है कि उनके आदर्शों को आगे बढ़ाएं.
उलिहातू में बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद प्रतिनिधिमंडल डोम्बारी बुरू भी पहुंचा. डोम्बारी बुरू वही ऐतिहासिक स्थल है जहां अंग्रेजों ने 300 से अधिक आदिवासी साथियों को मौत के घाट उतारा था और बिरसा मुंडा को गिरफ्तार किया था. वहां भी श्रद्धासुमन अर्पित कर धरती आबा के बलिदान को याद किया गया.
कार्यक्रम में आयोजन समिति के सदस्य धनंजय महतो (शिक्षक), नीरज महतो, अशोक महतो, राजकुमार महतो, रतनलाल सिंह,सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे. स्थानीय ग्राम प्रधान एवं उलिहातू के ग्रामीणों ने भी आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए बिरसा मुंडा के वंशजों के सम्मान को गौरव का विषय बताया.
आगामी 11 मई को आयोजित होने वाले इस भव्य समारोह में धरती आबा बिरसा मुंडा के सामाजिक, सांस्कृतिक योगदान और उनके ऐतिहासिक आंदोलन की विचारधारा पर गहन चर्चा होगी. साथ ही, उनके वंशजों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाएगा.
कार्यक्रम के दौरान झारखंड की कला-संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें मुंडारी, कुरमाली, संथाली गीत-संगीत और पारंपरिक लोक नृत्य प्रस्तुत होंगे. इस आयोजन के माध्यम से झारखंड की भाषा, संस्कृति और अस्मिता का जीवंत चित्रण किया जाएगा. कलिंगा भारती फाउंडेशन ने सभी झारखंडवासियों एवं देशभर के नागरिकों से इस ऐतिहासिक गौरव दिवस में शामिल होकर धरती आबा को श्रद्धांजलि अर्पित करने का आह्वान किया है.