न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने एक मामले में रेलवे को 4.7 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया हैं. यह फैसला उस घटना से जुड़ा है, जिसमें दुर्ग के दिलीप कुमार चतुर्वेदी का 9.3 लाख रुपये का सामान और नकदी 2017 में Amarkantak Express में यात्रा के दौरान चोरी हो गया था.
क्या था पूरा मामला?
दरअसल, दिलीप कुमार चतुर्वेदी 9 मई, 2017 को अपने परिवार के साथ Amarkantak Express से कटनी से दुर्ग की यात्रा कर रहे थे. यात्रा के दौरान Sleeper Coach में रात करीब 2:30 बजे उनका कीमती सामान चोरी हो गया हैं. चोरी हुए सामान की कीमत 9.3 लाख रुपये बताई गई थी. इस घटना के बाद उन्होंने Durg Railway Police में FIR दर्ज कराई और Durg District Consumer Commission में मुआवजे की मांग की हैं.
रेलवे की लापरवाही पर आयोग का फैसला
चतुर्वेदी का यह आरोप था कि TTE और रेलवे पुलिस ने आरक्षित कोच में अनधिकृत लोगों को आने दिया, जिससे यह चोरी की घटना हुई हैं. चतुर्वेदी के वकील ने यह बताया है कि चोरी हुए सामान को चेन से बांधकर रखा गया था और यात्री ने अपनी तरफ से सभी उचित सावधानियां बरती थीं. NCDRC ने रेलवे की दलील को खारिज करते हुए कहा है कि यात्री ने अपने सामान की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए थे लेकिन रेलवे अपने कर्तव्यों में असफल रहा. आयोग ने यह भी माना है कि Railway Act की धारा 100, जिसमें सामान बुक नहीं होने पर रेलवे की जिम्मेदारी नहीं मानी जाती, इस मामले में लागू नहीं होती.
7 साल पुराना था मामला
यह मामला 7 साल पुराना हैं. पहले District Consumer Commission ने चतुर्वेदी के पक्ष में फैसला दिया था लेकिन राज्य आयोग ने उस फैसले को रद्द कर दिया था. इसके बाद चतुर्वेदी ने NCDRC का रुख किया, जहां आयोग ने रेलवे की लापरवाही मानते हुए उन्हें मुआवजा देने का आदेश दिया हैं.
मुआवजे का दिया आदेश
आयोग ने South East Central Railway GM, Durg Station Master और बिलासपुर जीआरपी थाना प्रभारी को 4.7 लाख रुपये का मुआवजा चतुर्वेदी को देने का आदेश दिया हैं. NCDRC का यह फैसला रेल यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण नजीर है, जो यात्रा के दौरान अपने सामान की सुरक्षा के लिए रेलवे पर निर्भर रहते हैं.