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रांची/डेस्कः राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में प्रत्येक दिन करीब 3 हजार मरीजों का इलाज किया जाता है जिसके देखरेख के लिए उनके साथ परिजन और नजदीकी रिश्तेदार आते हैं. इसे देखते हुए करोड़ों रुपए की लागत से पावर ग्रिड विश्राम भवन का निर्माण कराया गया है ताकि इस विश्राम भवन में मरीजों के परिजन और नजतीकी रिश्तेदार कम खर्च में ठहर सकें. पावर ग्रिड विश्राम भवन का उद्घाटन हो चुका है और रिम्स को पावर ग्रिड ने हैंडओवर भी कर दिया है लेकिन विश्राम भवन अब भी वीरान पड़ा है. इस समय विश्राम भवन में सिर्फ सुरक्षा कर्मी ही नजर आ रहे हैं.
9 जुलाई को केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया है उद्घाटन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पावर ग्रिड ने 11 जुलाई को ही रिम्स को विश्राम भवन हैंडओवर कर दिया है इसकी सारी कागजी प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है लेकिन इसका संचालन रिम्स ने अबतक शुरू नहीं किया है. आपको बता दें, 9 जुलाई 2024 को केंद्रीय विद्युत व आवासन और शहरी मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पावर ग्रिड द्वारा तैयार इस विश्राम सदन का उद्घाटन किया था इस दौरान उनके साथ केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी मौजूद रहेंगे. विश्राम भवन का निर्माण पावर ग्रिड ने सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत तैयार किया है. इस संबंध में रिम्स निदेशक से भी संपर्क साधने की कोशिश की गई. मगर संपर्क नहीं हो सका.
पूरी तरह से तैयार है विश्राम भवन
पावर ग्रिड द्वारा तैयार विश्राम भवन पूरी तरह से तैयार हो गया है इसके सभी कमरे, बेड, मैट्रेस और फर्नीचर से सुसज्जित किए गए हैं. आपको बता दें, करीब 5034 वर्गमीटर के निर्मित क्षेत्र में बना पांच मंजिले भवन 50 कमरे का है जिसकी क्षमता 310 बेड की है. इसके एक कमरे में कम से कम 6 बेड आराम से लगाए जा सकते हैं. भवन में पुरुषों और महिलाओं के लिए 10-10 शौचालय है. साथ ही दिव्यांगों के लिए 5 शौचालय का निर्माण कराया गया है. इसके अलावे रिसेप्शन, कैफेटेरिया, डाइनिंग हाल, सामूहिक कक्ष, किचन, हर फ्लोर पर वॉटर फ्यूरीफायर बाथरूम समेत कई सुविधाएं उपलब्ध हैं. भवने के छत पर सोलर वॉटर हीटर प्लांट (5000 लीटर क्षमता) स्थापित किया गया है, जो सभी शौचालय और बाथरूम से जुड़ा है.
भवन को 14 महीने में तैयार का था लक्ष्य
बता दें उद्घाटन के बाद इस आश्रय गृह का संचालन कौन और कैसे किया जाना है इसका निर्णय रिम्स को लेना है. हालांकि रिम्स (Ranchi Rims) के सामने अभी दोनों विकल्प है कि आश्रय गृह का संचालन आउटसोर्सिंग से हो यह वह खुद इस आश्रय भवन (shelter home) का संचालन करेगा. रिम्स को शुल्क का निर्धारण भी करना है साथ ही भवन के रख-रखाव के लिए प्रति बेड का शुल्क 50 रुपए निर्धारित किए जा सकते हैं. आपको बता दें, भवन निर्माण का कार्य साल 2019 में शुरू किया गया था जिसे 14 महीने के अंदर तैयार कर रिम्स को हैंडओवर करना था लेकिन भवन निर्माण का कार्य महामारी कोरोना (Covid) की वजह से 2 सालों तक प्रभावित रहा. आश्रय भवन डेंटल कॉलेज के पीछे की तरफ बनाया गया है. भवन में मरीजों के परिजनों को सस्ती दर पर भोजन देने के लिए रसोई घर का निर्माण भी कराया गया है.