न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः NDA की सरकार गठन के साथ ही नवगठित मंत्रायल पर सियासत तेज हो गयी है. मोदी की सरकार पार्ट 3.0 में झारखंड से आजसू को नजरअंदाज करना जहां एक बड़ा मामला बनता जा रहा है वहीं दूसरी तरफ झारखंड से बनाये गए दोनों मंत्रियों में कोई भी कुड़मी जाति से नहीं है यह भी बड़ा सवाल बनकर सामने आ गया है. केन्द्र सरकार के नए मंत्रिमंडल में झारखंड से अन्नपूर्णा देवी और संजय सेठ को मंत्री का पद दिया गया है. लेकिन गठबंधन में शामिल आजसू को एक भी सीट नहीं दी गयी. वहीं बात गठबंधन में शामिल दूसरे दलों की करें तो जदयू, एनसीपी समेत अन्य कई दलों के सांसदों को मंत्री बना दिया गया है. ऐसे में चर्चा तेज है कि आजसू को यह फैसला हजम नहीं हो रहा और सुप्रीमो सुदेश महतो खुद बुधवार तक दिल्ली में डटे हुए हैं.
आजसू का झारखंड में 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट
बात अगर मंत्रालय की करें तो आजसू को दरकिनार कर दिया गया जबकि झारखंड लोकसभा चुनाव में आजसू का सट्राइक रेट 100 प्रतिशत रहा है. आजसू ने एक ही सीट पर प्रत्याशी दिया था जहां से आजसू ने विजय हासिल किया. गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से आजसू के चन्द्रप्रकाश चौधरी नवनिर्वाचित सांसद हैं. चन्द्रप्रकाश दूसरी बार सांसद चुनाव जीतकर सांसद बने हैं और उनका सामना जेएमएम के कद्दावर नेता मथुरा महतो से था. गिरिडीह सीट पर जयराम भी एक बड़ा फैक्टर बनकर सामने आया लेकिन चन्द्रप्रकाश ने चुनाव में अपनी जीत के दावे को सच साबित कर दिया.
विद्यूत वरण महतो और निशिकांत दूबे भी किनारे
बीजेपी के सांसदों की बात करें तो निशिकांत दुबे ने लोकसभा चुनाव में गोड्डा सीट जीतकर चौथी बार अपनी जीत दर्ज की है जबकि विद्युत वरण महतो ने जमशेदपुर से तीसरी बार जीत हासिल की है. लगातार रिकार्ड मतों से जीतने के बाद भी निशिकांत और विद्युत को अभी तक केन्द्रीय मंत्रालय में जगह नहीं मिल पायी है.
अन्नपूर्णा देवी को लेकर चर्चा तेज
कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी को दूसरी बार मंत्री बनाया गया है. लेकिन उनके मंत्री बनते ही चर्चा तेज हो गई है. प्रदेश बीजेपी के एक बड़े नेता ने दिल्ली में बैठे आलाकमान को उनकी जाति से संबंधित गलत तथ्य बता दिए. जिसके कारण उन्हें मंत्रालय दिया गया. प्रदेश बीजेपी के बड़े पदाधिकारी ने आलाकमान को बताया कि अन्नपूर्णा देवी केवल यादव समाज से ही नहीं आती बल्कि वह विवाहपूर्व कुड़मी जाति से भी हैं. कुड़मी जाति का नाम सुनने के बाद अन्नपूर्णा की सीट मंत्रालय में फाइनल की गई. हालांकि, इस चर्चा और निर्णय के बीच की सच्चाई बीजेपी के आलकमान ही बता सकते हैं.