न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण एवं जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन द्वारा संविधान पर दिए गए एक बयान पर झारखंड की सियासत गर्म हो गई है. हफीजुल हसन के बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी समेत अन्य पार्टी के नेता हमलावर हो गए हैं. इधर, अपने कथित बयान 'पहले शरीयत, फिर संविधान' पर अब मंत्री हफीजुल हसन ने अपनी सफाई दी है.
उन्होंने कहा कि, मैंने मैं नहीं हम शब्द का प्रयोग किया है. हम में सभी लोग शामिल होते हैं. हफीजुल हसन ने कहा कि मंत्री संविधान में विश्वास रखता है और उसी के मुताबिक काम करता है. शरीयत का भी अपना स्थान होता है. उन्होंने कहा कि लोग अपने दिल में हनुमान जी को रखते हैं, ये कहने का एक तरीका है. मैंने भी ऐसा ही कुछ कहा है. लोग मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं. उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि जब आप पूरे 5-6 मिनट देखेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि मैंने क्या कहा था. बता दें कि News11 Bharat से बात करते हुए कहा था कि हम पहले शरीयत को पकड़ेंगे, इसके बाद संविधान. उनके बयान के बाद से झारखंड की राजनीति गरमाई हुई है.
भाजपा ने साधा निशाना
मंत्री हफीजुल हसन के बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. प्रदेश अध्यक्ष व झारखंड के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मंत्री हफीजूल हसन के बयान जिसमें उन्होंने कहा है कि वे भारतीय संविधान से ऊपर शरीयत कानून को मानते हैं, उनके बयान से यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस झामुमो के लोग चाहे लोकसभा,राज्यसभा हो या विधानसभा,संविधान को पॉकेट में लेकर घूमते हैं जो संविधान का भद्दा मजाक है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इंडी गठबंधन का यही वास्तविक चरित्र है. जिसका प्रकटीकरण हफीजूल हसन की जुबान से प्रकट हुआ है. उन्होंने कहा कि आज बाबा साहब अम्बेडकर की जयंती पर जिस प्रकार से एक संवैधानिक पद पर बैठे राज्य के मंत्री से संविधान का अपमान हुआ यह अक्षम्य अपराध है. राष्ट्र विरोधी,संविधान विरोधी बयान है.इसलिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तत्काल मंत्रिमंडल से हफीजूल हसन को बर्खास्त करना चाहिए. उन्होंने कांग्रेस पार्टी और झामुमो से सवालिया लहजे में पूछा कि वे बताएं कि हफीजूल हसन के बयान से पार्टी सहमत है या असहमत.