हर तरफ गुंज रहा, हाथी घोडा पालकी जय कन्हैयालाल की...
न्यूज़11 भारत
सिमडेगा/डेस्क: सिमडेगा में तरफ जन्माष्टमी की धूम है. हर तरफ लोग भगवान के जन्मोत्सव के रंग में डुबे हैं. सब तरफ श्रीकृष्ण भक्ति की गंगा बह रही है. हर तरफ जय कन्हैयालाल के जयकारे लग रहे हैं. जन्माष्टमी के ही दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, जो कि भगवान विष्णु के 8वें अवतार माने जाते हैं. सिमडेगा में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. कुछ मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्त भी पहुंच रहे हैं. सभी भगवान के झुले और दरबार सजाने में लगे हैं. घर-घर में बच्चों को कान्हा के रूप में सजाया जा रहा है. मानो आज हर घर नंदगांव बन गया है, और हर घर, हर गली में नटखट नंदलाल की लीला चल रही है.
पूरी मानव जाति के लिए वरदान है भगवान कान्हा का जन्म
भगवान कान्हा का जन्म धरती पर मौजूद पूरी मानव जाति के लिए वरदान जैसा है. कहा जाता है कि द्वापर युग में राजा कंस के अत्याचार बढ़ रहे थे. इसी का अंत करने और धर्म की स्थापना करने के लिए भगवाव विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने पृथ्वी लोक पर जन्म लिया था. शास्त्र के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था. हर साल इसी तिथि पर कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. जन्माष्टमी की रात्री 12 बजे बाल गोपाल कान्हा रूपी श्री कृष्ण का जन्म होता है. उन्हें स्नान कराकर सुंदर वस्त्र धारण कराया जाता हैं. वहीं इस दिन नंद गोपाल का प्रिय भोग मक्खन अर्पित कर प्रसाद वितरित किया जाता है. श्रद्धालु जन्माष्टमी में उपवास करते हैं और पूजा अर्चना के बाद भगवान से अपनी मन की मुराद व मनोकामना मांगते हैं. हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा करने से भगवान की कृपा बरसती है और निसंतानों को कान्हा जैसे सुंदर, प्यारे और ज्ञानी संतान प्राप्त होते हैं.
भगवान को प्रिय है मोर पंख
वहीं भगवान का प्रिय मोर पंख को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है. वास्तु के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी के दिन न सिर्फ सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि घर से वास्तु दोष भी खत्म हो जाता है. घर में मोर पंख रखना काफी शुभ माना जाता है. वास्तु के मुताबिक घर के मुख्य द्वार पर मोर पंख लगाने से बुरी नजर से बचाव होता है. मोर पंख के प्रभाव से परिवार में सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है.