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रांची/डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्य सरकारों को खनिज-युक्त भूमि पर रॉयल्टी लगाने का अधिकार है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 9 जज की बेंच ने रॉयल्टी लगाने का राज्य सरकार के अधिकार को बरकरार रखा है. फैसला सुनते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा कि रॉयल्टी और टैक्स अलग अलग चीज हैं. आप रॉयल्टी को टैक्स न समझें.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि रॉयल्टी कोई टैक्स नहीं है. इस फैसले से खनिज समृद्ध राज्य जैसे झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश को फायदा होगा. कोर्ट ने कहा कि रॉयल्टी खनन पट्टे से आती है. आम तौर पर यह निकाले गए खनिजों की मात्रा के आधार पर निर्धारित होती है. पट्टादाता और पट्टाधारक के बीच एग्रीमेंट की शर्तों पर रॉयल्टी की बाध्यता निर्भर करती है. इसका भुगतान सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए नहीं बल्कि विशेष उपयोग शुल्क के लिए किया जाता है. अदालत ने कहा कि रॉयल्टी को टैक्स बताना गलत है.